दु डाइर जिरहुल फूल
खोरठा FOR JSSC EXCISE CONSTABE
हरियरे हरियर (हरा – हरा )
लेखक – डॉ गजाधर महतो प्रभाकर
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माता – लाखो देवी
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पिता – जगनाथ महतो
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शिक्षा – MA(खोरठा) , Ph.d – (खोरठा)
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महात्मा गांधी उच्च विद्यालय भुरकुंडा में 1978 से शिक्षक के रूप में कार्यरत थे
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सम्मान – खोरठा रत्न
कृतियां
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पुटुस फूल (खोरठा कहानी संग्रह 1988)
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मरीचिका (लघुकथा संग्रह 1988)
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हिंदी व्याकरण (1995)
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आब ना रहा पटाइल (खोरठा कविता संग्रह)
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खोरठा लोककथा नेवरा (खोरठा लोक कथासंग्रह)
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समय की पुकार (हिंदी कविता संग्रह)
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हरियरे हरियर
मुख्य पात्र : परभात
हिंदी में :
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प्रभात कई वर्षों के बाद पढ़ लिख कर जब अपने गांव वापस आता है, तो उसके पिताजी कहते हैं, कि बेटा अब घर बार तुम संभालो हम नहीं संभाल पाएंगे बूढ़ा हो चुके हैं
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यह सुनकर प्रभात को बहुत बुरा लगता है, कि पिताजी ने उसे इसीलिए पढ़ाया था कि यहां शहर से दूर गांव में रहे जहां पर कोई भी सुविधा नहीं उपलब्ध है इससे तो अच्छा था कि पढ़ाया ही नहीं होता
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2-3 दिनों तक बहुत सोचने के बाद उसे सिद्धार्थ की तरह एक नया मार्ग(IDEA) दिखाई देता है
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वह अपने पिता से कुछ रुपया खेती में सिंचाई के लिए मोटर पंप खरीदने के लिए मांगता है
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वह खेतों के बीच से गुजरने वाले नाला को बांधकर पानी को रोककर सिंचाई की व्यवस्था करना चाहता है
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वह 5 सूत्री कार्यक्रम बनाता है
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खेती का विकास
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एक संगिया समिति
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शिक्षा का प्रचार
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नशाबंदी
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गांव का झगड़ा गांव में निपटान
Q.हरियरे हरियर लेख किस पुस्तक में संकलित है ? दु डाइर जिरहुल फूल
Q.हरियरे हरियर लेख के लेखक कौन है ? डॉ गजाधर महतो प्रभाकर
Q.हरियरे हरियर लेख का मुख्य पात्र कौन है ? परभात
Q.गांव के विकास के लिए क्या लागू करता है ? 5 सूत्री कार्यक्रम
Q.प्रभात अपने पिता से किस लिए पैसों की मांग करता है ? मोटर पंप खरीदने के लिए