1 : जोहाइर कविता
जोहाइर : तातल-हेमाल (कविता संग्रह ) – कवि – शिवनाथ प्रमाणिक
-
शीर्षक का अर्थ – प्रणाम/नमस्कार
-
इस कविता में रत्नगर्भा झारखण्ड के विभिन्न नामों हीराखंड, छोटानागपुर, कीकट प्रदेश झारखंड का दामोदर, स्वर्ण रेखा आदि सदानीरा नदियों का लुगु, लुकइया, जिनगा, पारसनाथ आदि पहाड़ों का, बिरसा तिलका सिद्ध-कान्हु शेख भिखारी, वीरं विश्वनाथ शहदेव बउड़ी, करम, सोइराइ आदि पर्व-त्योहारों का उल्लेख करते हुए आदिवासी और सदानी संस्कृति का श्वेत-श्याम संस्कृति से युक्त, वीर प्रसवा धरती का यशोगान किया गया है।
khortha for JSSC |