Q. भारत आने वाले पहले यूरोपियन कौन थे ? RRB Loco Pilot Questions
(A) डच
(B) अंग्रेजी
(C) पुर्तगाली
(D) फ्रांसीसी
Ans -पुर्तगाली
पुर्तगालियों का आगमन
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सर्वप्रथम 1498 में ‘वास्कोडिगामा‘ नामक पुर्तगाली नाविक उत्तमाशा अंतरीप का चक्कर काटते हुए एक गुजराती व्यापारी अब्दुल मजीद की सहायता से भारत के ‘कालीकट’ बंदरगाह पर पहुँचा।
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जहाँ कालीकट’ के हिंदू शासक (उपाधि-जमोरिन) ने उसका स्वागत किया।
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वास्कोडिगामा ने कालीकट के राजा से व्यापार का अधिकार प्राप्त किय
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1500 में ‘पेड्रो अल्वरेज कैब्राल‘ के नेतृत्व में दो जहाज़ी बेड़े भारत आए।
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वास्कोडिगामा 1502 में दूसरी बार भारत आया।
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पुर्तगालियों की पहली फैक्ट्री कालीकट में स्थापित हुई,
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1503 में पुर्तगालियों ने कोचीन के पास अपनी पहली व्यापारिक कोठी बनाई।
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इसके बाद कन्नूर (1505) में पुर्तगालियों ने अपनी दूसरी फैक्ट्री बनाईं।
पुर्तगाली वायसराय
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“फ्राँसिस्को-डी-अल्मिडा‘ (1505-1509) भारत में पहला पुर्तगाली वायसराय बनकर आया।
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उसने ‘ब्लू वाटर पॉलिसी’ अथवा ‘शांत जल की नीति’ लागू किया है।
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‘अल्फांसो-डी-अल्बुकर्क‘ (1509-1515) दूसरा वायसराय बनकर आया। उसने अल्मीडा की ‘ब्लू वाटर पॉलिसी’ को बंद करवाया।
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1510 में उसने बीजापुर के शासक युसफ आदिलशाह से गोवा छीन लिया, यहीं से पुर्तगाली साम्राज्य की नींव पड़ी।
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अल्बुकर्क को भारत में पुर्तगाली साम्राज्य का वास्तविक संस्थापक माना जाता है।
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‘नीनो-डी-कुन्हा‘ (1529-1538) अल्बुकर्क के बाद सबसे महत्त्वपूर्ण वायसराय था। 1530 में कोचीन की जगह गोवा को पुर्तगालियों की राजधानी बनाया और सेंट टोमे तथा हुगली में पुर्तगाली बस्तियाँ बसाई।
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नीनो-डी-कुन्हा ने गुजरात के शासक बहादुरशाह से मुलाकात के दौरान जहाज़ पर उसकी हत्या कर बसीन (1534) व दीव (1535) पर आधिपत्य स्थापित कर लिया।
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धीरे-धीरे पुर्तगालियों ने हिंद महासागर में होने वाले व्यापार पर एकाधिकार कर लिया।
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‘कार्टेज पद्धति’ लागू की जो एक प्रकार का लाइसेंस था। यदि कोई देश या व्यक्ति अपने जहाज़ को किसी एशियाई देश में भेजना चाहता था तो उसे कार्टेज लेना आवश्यक था जिसके लिये निर्धारित शुल्क देना होता था। उल्लेखनीय है कि अकबर ने भी समुद्री व्यापार हेतु कार्टेज स्वीकार कर लिया था।
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पुर्तगालियों ने फारस की खाड़ी, हॉरमुज तथा हिंद महासागर में अपनी चौकियाँ स्थापित की।
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भारत का जापान के साथ व्यापार का श्रेय भी पुर्तगालियों को जाता है।
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पुर्तगालियों के आगमन से भारत में तंबाकू, आलू, टमाटर की खेती, जहाज़ निर्माण तथा प्रिटिंग प्रेस की शुरुआत हुई।
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स्थापत्य कला में गोथिक कला का विकास हुआ।
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1632 में शाहजहाँ ने पुर्तगालियों को हुगली से भगाया।
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1661 में पुर्तगाली राजकुमारी केथरीन का विवाह ब्रिटिश राजकुमार चार्ल्स द्वितीय से हो गया जिससे भारत में बंबई क्षेत्र ब्रिटिशों को दहेज के तौर पर प्राप्त हो गया।