हिंदी की पहली आदिवासी कवित्री : सुशीला सामंत मुंडा/सुशीला सामद

 हिंदी की पहली आदिवासी कवित्री  : सुशीला सामंत मुंडा/सुशीला सामद

  • 7 जून 2022 को हिंदी कीपहली आदिवासी कवित्री सुशीला सामंत मुंडा/सुशीला सामद की 116वी जयंती मनाई गई है

    • वर्ष 1935 में प्रकाशित उनके कविता-संग्रह ‘प्रलाप’है

    • ‘सपने का संसार’ सुशीला सामद का दूसरा काव्य-संग्रह है जो 1948 में छपा।

    • सुशीला सामदचाईबासा की निवासि है।

    • वह साहित्यिक-सामाजिक पत्रिका ‘चाँदनी’ की संपादक-प्रकाशक भी है

    • सुशीला सामद कीमातृभाषा मुंडारी है।

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