तत्सम् शब्द , तद्भव शब्द ,देशज शब्द , विदेशी शब्द या आगत शब्द

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तत्सम् शब्द , तद्भव शब्द ,

देशज शब्द , विदेशी शब्द या आगत शब्द  

तत्सम् शब्द

  • तत्सम : तत् + सम से बना है, जिसका अर्थ है तत् अर्थात उसके सम अर्थात समान । यानि संस्कृत के समान। अतः ऐसे शब्द जो संस्कृत से बिना रूप बदले हिन्दी में आये हैं तत्सम शब्द कहलाते हैं। जैसे- आम्र, चंचु आदि।

तद्भव शब्द 

  • तद्भव – तद् + भव से बना है, जिसका अर्थ है तद्-उससे, भव-उत्पन्न अर्थात उससे उत्पन्न यानि संस्कृत से उत्पन्न । अतः ऐसे संस्कृत शब्द जो पालि, प्राकृत, अपभ्रंश, पुरानी हिन्दी से विकसित होकर हिन्दी में अपना रूप बदलकर प्रयुक्त होते हैं तद्भव कहलाते हैं। जैसे आम्र – आम, चंचु – चोंच आदि।

देशज 

  • बोलचाल के रूप में अपने ही देश में उत्पन्न शब्द देशज शब्द कहलाते हैं। जिनकी उत्पति का पता नहीं चलता हैं। हेमचंद्र ने ऐसे शब्दों को ‘देशी’ कहा हैं। 

विदेशी या आगत

  • जो शब्द विदेशी भाषा से हिन्दी में आये हैं, उन्हें विदेशी या आगत शब्द कहा जाता है। ये शब्द अरबी, फारसी, तुर्की, अंग्रेजी. पर्तगाली तथा फ्रांसीसी भाषाओं से आये हैं। 

तत्सम – तद्भव शब्दों की सूची 

  • तत्सम – तद्भव

  • अर्क  – आक

  • अंगुली – उँगली