भुनेश्वर दत्त शर्मा व्याकुल

भुनेश्वर दत्त शर्मा ‘व्याकुल’ (Bhuneshwar Dutt Sharma ‘Bayakul’ )जीवनी

  • जन्म – 1895, बिशुनगढ़, हजारीबाग जिला
  • पिता – पंडित बलदेव प्रसाद उपाध्याय
  • माँ – शांति देवी 
  • दादाजी पंडित अयोध्या प्रसाद उपाध्याय
  • पत्नी – सरस्वती सुशीला (कांग्रेस कार्यकर्ता , बिहार के पहले मुख्यमंत्री श्रीकृष्णा सिंह की भतीजी )
  • शिक्षा – 5 बी तक 
  • मृत्यु – 17 सितम्बर , 1984 
  • इनके पिता का मृत्यु जब  Bhuneshwar 6 माह के थे तभी ,हो गया था इसलिए इनका देखभाल उनके दादाजी पंडित अयोध्या प्रसाद उपाध्याय ने किया
  • 11 वर्ष की आयु में वे काशी  चले गए थे 
  • 1925 में गांधी के साथ स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े   
  • उन्होंने देश को आजाद कराने के लिए क्रांतिकारी गीत खोरठा भाषा में लिखे हैं जिसे अंग्रेजों ने जला दिया था
  • हिंदीक के साहित्यकार रामवृक्ष बेनीपुरी से 1930 में हजारीबाग जेल में मिले।
  • भुवनेश्वर दत्त शर्मा व्याकुल का पहला रचना – ‘कवि व्याकुल’
    • ‘कैदी’ नाँवक  पतरिका में छपा है  
    • ‘कैदी’ नाँवक  पतरिका रामवृक्ष बेनीपुरी हाथ से लिखते थे। 
  • व्याकुलजी का पहिल किताब :  ‘कलाम-ए-व्याकुल’ (1939 में  बिसुनगढ़, हजारीबाग से प्रकशित )
  • कबितालगस्तर प्रताप, वर्तमान, कर्मवीर, लोकमान्य, विश्वमित्र, हिन्दु, पंच, हिन्दुस्तान, बालक, जनता आर जागृति
  • छउआ दुलार (कविता )
  • कृति 
    • हिंदी में 
      • कलाम ए व्याकुल 
      • तराना ए व्याकुल
      • सफर का साथी 
      • छोटानागपुर (कविता संग्रह )
    • खोरठा में 
      • किसानो का अंतर्नाद (1943 – 44 )
      • मादल 
      • मादल धवनि मधुर ताल 
    • उर्दू में 
      • हुस्न इश्क 
      • फलक से 
  • इनकी रचनाएं ज्यादातर हजारीबाग के विशुनगढ़ स्थित सुखद खोरठा साहित्य कुटीर की ओर से प्रकाशित होती थी
  • पेशा – कलाकार, गवइया आर बजवइया
  • भुनेश्वर दत्त शर्मा ‘व्याकुल’ जीवनी के लेखक – परितोष कुमार प्रजापति
    • पुस्तक – दू डाइर परास फूल 
  • 1989 – पानुरी स्मृति सम्मान  (खोरठा साहित्य संस्कृति परिसद ,बोकारो द्वारा )
  • 1900 – 1950 के लेखक 

 

परितोष कुमार प्रजापति के बारे में

  • जनम – 02 फरवरी 1954 
  • जनम थान ग्राम – गांगजोरी, जिला – बोकारो (झारखण्ड) 
  • माँयेक नाम – मांदू देवी 
  • बापेक नाम – गुचन महतो 
  • सिक्छा – बी0ए0, कार्यालयीय हिन्दी में डिप्लोमा
  • पेशाबोकारो इस्पात संयंत्रे ऑपरेटर रूपें 
    • खोरठा साहित्य-संस्कृति परिषदे के  सचिव
    • बोकारो खोरठा कमिटीक के अध्यक्ष
  • रचना – 
    • जिनगीक भेउ (कबिता संग्रह) छपल हे।