चतुर्थ समसत्र विषय कोड MJ-06 क्रेडिट 04 कुल अंक 100 (बाह्य परीक्षा-75, आंतरिक परीक्षा -25)
भारतीय काव्यशास्त्र
- इकाई : 1 भारतीय काव्यशास्त्र की परम्परा, काव्य-लक्षण, काव्य-हेतु एवं काव्य-प्रयोजन
- इकाई : 2 रस सिद्धान्तः रस की अवधारणा, रस-निष्पत्ति और साधारणीकरण
- इकाई : 3 अलंकार-सिद्धान्त : अलंकार की अवधारणा, प्रमुख अलंकारों का परिचय (यमक, श्लेष, वक्रोक्ति, उपमा, रुपक, उत्प्रेक्षा, अतिशयोक्ति एवं विभावना) ध्वनि सिद्धान्त : ध्वनि की अवधारणा, ध्वनि का वर्गीकरण
- इकाई : 4 रीति सिद्धान्त : रीति की अवधारणा, रीति एवं गुण
वक्रोक्ति सिद्धान्त वक्रोक्ति की अवधारणा, वक्रोक्ति एवं अभिव्यंजनावाद
चतुर्थ समसत्र विषय कोड – MJ-07 कुल अंक – 100क्रेडिट – 04 (बाह्य परीक्षा-75, आंतरिक परीक्षा -25)
पाश्चात्य काव्यशास्त्र
- इकाई : 1 प्लेटो – काव्य संबंधी मान्यताएँ अरस्तू – अनुकरण एवं विरेचन
- इकाई : 2 लोंजाइनस – काव्य में उदात्त की अवधारणावर्ड्सवर्थ – काव्य भाषा का सिद्धान्त
- इकाई : 3 कॉलरिज – कल्पना और फैन्टेसी क्रोचे – अभिव्यंजनावाद
- इकाई : 4 टी. एस. इलियट – परम्परा और वैयक्तिक प्रतिभा, निर्वैयक्तिकता का सिद्धान्त आई. ए. रिचर्ड्स – मूल्य एवं सम्प्रेषण सिद्धान्त
चतुर्थ समसत्र विषय कोड — MJ-08, क्रेडिट — 04, कुल अंक — 100, (बाह्य परीक्षा-75, आंतरिक परीक्षा —25)
भाषा विज्ञान एवं हिन्दी भाषा
- इकाई : 1 भाषा: परिभाषा, विशेषताएँ, भाषा-परिवर्तन के कारण, भाषा और बोली भाषा विज्ञान: परिभाषा, अंग, भाषा विज्ञान का ज्ञान की अन्य शाखाओं से संबंध
- इकाई : 2 स्वनिम विज्ञान: परिभाषा, स्वनों का वर्गीकरण — स्थान और प्रयत्न के आधार पर,
स्वन परिवर्तन के कारण - इकाई : 3 वाक्य विज्ञान — वाक्य की परिभाषा, वाक्य के प्रकार, वाक्य-परिवर्तन के कारण अर्थ विज्ञान — अर्थ-परिवर्तन के कारण और दिशाएँ
- इकाई : 4 राष्ट्रभाषा, राजभाषा एवं संपर्क भाषा के रूप में हिन्दी देवनागरी लिपि: गुण एवं दोष
चतुर्थ समसत्र , विषय कोड AEC-HINDI, क्रेडिट 02, कुल अंक 50 (बाह्य परीक्षा-50)
प्रयोजनमूलक हिन्दी एवं पत्र–लेखन
- इकाई : 1प्रयोजनमूलक हिन्दी : सामान्य परिचय, टिप्पण, प्रारूपण, ज्ञापन, प्रतिवेदन मीडिया-लेखनः संपादकीय, संपादक के नाम पत्र, रिपोर्ट-लेखन
- इकाई : 2पत्र-लेखन (औपचारिक एवं अनौपचारिक) एवं निबंध-लेखन