बाँस हस्तशिल्प (bamboo handicrafts)
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बाँस का काम करने वाले प्रायः तुरी या बँसोड़ जाति के लोग होते हैं।
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बाँस से निर्मित की जाने वाली अधिकांश वस्तुएँ दैनिक उपयोग से संबंधित होती हैं तथा इनके इकोफ्रेंडली होने की वजह से मांग अधिक है।
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बाँस की वस्तुएँ बनाने के लिये हरे बाँस की ज़रूरत होती है। सर्वप्रथम एक विशेष प्रकार की छूरी ‘करी’ से बाँस की लंबी पट्टियाँ छीली जाती हैं तथा इन पट्टियों को भी पुनः छीलकर और पतला किया जाता है तथा इससे सूप, झाँपी और हाथपंखे बनाए जाते हैं।
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जो मोटी कड़ियाँ निकाली जाती हैं, उनसे टुकना, टुकनी, दौरी, छितका, पर्रा आदि बनाए जाते हैं; जिनका उपयोग अनाज रखने, वनोपज संग्रह करने तथा बाज़ार से वस्तुएँ लाने और ले जाने के लिये किया जाता है।