बड़का बुजरुक बिरसा की जीवनी के लेखक –ए के झा बिरसा मुंडा को महामानव – ए के झा ने कहा  बिरसा की जीवनी  खोरठा गईद पईद संग्रह “इंटरमीडिएट खोरठा किताब” में संकलित है जन्म – 15 नवंबर 1875 ,उलिहातू मृत्यु – 9 जून 1900 ,रांची जेल में हैजा से माता – भरमि (अन्य स्रोतों -कदमी मुंडा) पिता – सुगना मुंडा झारखंड से कई महिलाओं ने भी अंग्रेजों के विरुद्ध आंदोलन में भाग लिया था लेकिन उनका नाम इतिहास में दर्ज नहीं है जैसे कि सिनगी दई,चंपा दई,कहली दई,   गया मुंडाइन ,इन सभी ने आंदोलन में भाग लिया था लेकिन इतिहास में इनके नाम को दबा दिया गया आज उन्हीं की याद में झारखंड में जनी शिकार मनाया जाता है

login or Buy to access full contents. 1 Year Membership log in

बड़का बजरूक बिरसा