16. चीक बड़ाइक जनजाति
- झारखण्ड की बुनकर जनजाति है
- निवास – गुमला- सिमडेगा क्षेत्र
- भाषा – नागपुरी
- पितृसत्तात्मक समाज
- यह जनजाति दो वर्गों में विभाजित है।
- बड़ गोहड़ी (बड़ जात)
- छोट गोहड़ी (छोट जात)
- प्रमुख गोत्र – तनरिया, खम्बा एवं तजना
- इस जनजाति में अन्य जनजातियों की तरह अखरा (नृत्य स्थल) तथा पंचायत व्यवस्था नहीं मिलती है।
- सगाई – इनमे पुनर्विवाह को सगाई कहा जाता है।
- प्रमुख त्योहार – सरहुल, नवाखानी, करमा, जितिया बड़ पहाड़ी, सूर्याही पूजा, देवी माय, देवठान, आदि
- इस जनजाति में पहले नरबलि की प्रथा प्रचलित थी, जो अब समाप्त हो गया है।
- मुख्य पेशा – कपड़ा बुनना
- इन्हें ‘हाथ से बने कपड़ों का जनक‘ भी कहा जाता है।
- प्रमुख देवता – सिंगबोंगा
- प्रमुख देवी – देवी माई
- ‘मसना’ – शवों के दफनाने के स्थान