Q. भारतीय पुनर्जागरण आंदोलन के पिता कौन थे ?
Ans: राजा राममोहन राय
Explanation :
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राजा राममोहन राय को आधुनिक भारत का पिता/निर्माता, भारतीय पुनर्जागरण का जनक,नवप्रभात का तारा एवं भारतीय पत्रकारिता का जनक कहा जाता है।
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1814 में ‘आत्मीय सभा‘ (मित्रों का समाज) का गठन कलकत्ता में किया।
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20 अगस्त ,1828 में राजा राममोहन राय ने ब्रह्म सभा की स्थापना कलकत्ता में की, जिसे बाद में ‘ब्रह्म समाज‘ कहा गया। यह हिंदू धर्म का पहला सुधार आंदोलन था
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1818 में सती विरोधी अभियान शुरू किया
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इनके प्रयासों से 1829 में लॉर्ड विलियम बेंटिक द्वारा सती प्रथा को गैरकानूनी घोषित किया गया
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इन्होंने बंगाल के जमीदारों द्वारा किसानों पर की गई उत्पीड़न का विरोध किया
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राजा राममोहन राय ने डच घड़ीसाज डेविड हेयर के सहयोग से 1817 में कलकत्ता में ‘हिंदू कॉलेज’ की स्थापना की।
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कलकत्ता यूनिटेरियन कमेटी का गठन 1823 में राजा राममोहन राय, द्वारकानाथ टैगोर और विलियम एडम द्वारा किया गया।
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1825 में उन्होंने कलकत्ता में ‘वेदांत कॉलेज‘ की स्थापना की।
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राजा राममोहन राय ने 1826 के जूरी अधिनियम का घोर विरोध किया था।
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मुगल बादशाह अकबर द्वितीय ने राममोहन राय को ‘राजा’ की उपाधि प्रदान की थी।
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राजा राममोहन राय की मृत्यु 1833 में ब्रिटेन के ब्रिस्टल में हुई।
राजा राम मोहन राय द्वारा लिखे गए पुस्तक
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1809 मेंफारसी भाषा में ‘तोहफत-उल-मुवाहीदीन’ (एकेश्वरवादियों को उपहार)
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वेद एवं उपनिषदों का बंगला अनुवाद
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1820 में प्रिसेप्स ऑफ जीसस
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1821 में बांग्ला भाषा में ‘संवाद कौमुदी‘ पत्रिका
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1822 में फारसी भाषा में उन्होंने मिरात-उल-अखबार (मिरातुल अखबार)
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बांग्ला व्याकरण की रचना