गुरूग्राम में सरस आजीविका मेला आयोजित
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  • PHDCCIPHD Chamber of Commerce and Industry ) यह एक गैर-लाभकारी, उद्योग-नेतृत्व वाला संगठन है,  जो भारत में व्यापार, उद्योग और उद्यमशीलता को बढ़ावा देता है। संगठन की स्थापना 1905 में हुई थी और इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।
  • ग्रामीण विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान द्वारा 13 अक्टूबर से 29 अक्टूबर 2024 तक गुरूग्राम  में लगातार तृतीय/तीसरे  वर्ष सरस आजीविका मेला आयोजित किया जा रहा है। सरस मेले वर्ष 1999 से निरंतर आयोजित हो रहे हैं।
  • हर साल 11 अक्टूबर को मनाया जाने वाला अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस, दुनिया भर में बालिकाओं को सशक्त बनाने और उनके लिए समाज में सुरक्षित माहौल बनाने की ज़रूरत को पुरजोर तरीके से याद दिलाता है। यह दिन बालिकाओं के लिए लैंगिक समानताशिक्षा और अवसरों के महत्व पर प्रकाश डालता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 19 दिसंबर2011 को संकल्प संख्या 66/170 को पारित किया और 11 अक्टूबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा की गई। इस वर्ष 2024 अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस की थीम “गर्ल्स विजन फॉर द फ्यूचर” है।
    • इसके अलावा, बालिकाओं के सशक्तिकरण और उनकी सुरक्षा के लिए कानूनी उपायों में कई महत्वपूर्ण पहल शामिल हैं।
    • बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 का उद्देश्य बाल विवाह जैसी कुप्रथा को समाप्त करना है और इसमें शामिल लोगों को दंडित करना है।
    • यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम, 2012, बाल शोषण से संबंधित है । इसके कार्यान्वयन को बढ़ाने के लिए 2020 में इसके नियमों को अद्यतन किया गया है।
    • किशोर न्याय अधिनियम 2015, ज़रूरतमंद बच्चों की देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
    • मिशन वात्सल्य बाल विकास और संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करता है
    • लापता बच्चों की सहायता के लिए ट्रैक चाइल्ड पोर्टल जैसी सेवाएं शामिल हैं। ट्रैक चाइल्ड पोर्टल 2012 से कार्यरत है। यह पोर्टल पुलिस स्टेशनों में रिपोर्ट किए जा रहे ‘लापता’ बच्चों का मिलान उन ‘मिले हुए’ बच्चों से करने की सुविधा प्रदान करता है जो बाल देखभाल संस्थानों (सीसीआई) में रह रहे हैं।
    • पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन स्कीम कोविड-19 से अनाथ हुए बच्चों की मदद करती है।
    • इसके अतिरिक्त, निमहांस और ई-संपर्क कार्यक्रम के साथ सहयोग मानसिक स्वास्थ्य और चिकित्सा देखभाल प्रदान करता है। इन सब प्रयासों से एक सुरक्षित वातावरण बनता है, जो भारत में बालिकाओं के अधिकारों और कल्याण को बढ़ावा देता है।
  • वैज्ञानिकों ने टीडीपी1 नामक डीएनए एंजाइम को सक्रिय करके कैंसर के उपचार के लिए एक आशाजनक नए लक्ष्य की पहचान की है
    • कैम्पटोथेसिनटोपोटेकन और इरिनोटेकेन जैसी मौजूदा एंटीकैंसर दवाएं डीएनए प्रतिकृति के लिए महत्वपूर्ण एंजाइम को लक्षित करती हैं जिसे टोपोइज़ोमेरेज़ 1 (टॉप 1) कहा जाता है।
    • इण्डियन एसोसियेशन फॉर द कल्टिवेशन ऑफ साईन्स (IACS – कलकत्ता में) भारत के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अन्तर्गत एक स्वायत्त शोध संस्थान है। इसकी संस्थापना 29 जुलाई 1876 को डॉ महेन्द्रलाल सरकार ने की थी।