प्रथम समसत्र- MJ-01 कुल अंक 100 (बाह्य परीक्षा-75, आंतरिक परीक्षा-25)
हिन्दी साहित्य का इतिहास (रीतिकाल तक)
- इकाई 1 : हिन्दी साहित्येतिहास लेखन की परंपरा, हिंदी साहित्य का काल-विभाजनएवं नामकरण, रासो काव्य परंपरा
- इकाई 2 :आदिकालीन साहित्य की राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं साहित्यिक पृष्ठभूमि, आदिकालीन काव्य की प्रमुख प्रवृत्तियाँ सिद्ध, नाथ एवं जैन साहित्य का परिचय
- इकाई 3 :भक्तिकालीन साहित्य की राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं साहित्यिक पृष्ठभूमि, भक्तिकालीन काव्य की प्रमुख प्रवृत्तियाँ संत काव्य, सूफी काव्य, कृष्णकाव्य एवं रामकाव्य परंपरा का सामान्य परिचय एवं प्रमुख कवि
- इकाई 4 : रीतिकालीन साहित्य की राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं साहित्यिक पृष्ठभूमि,रीतिकालीन काव्य की प्रमुख प्रवृत्तियाँ रीतिबद्ध, रीतिसिद्ध, एवं रीतिमुक्त काव्यधारा का सामान्य परिचय एवं प्रमुख कवि
प्रथम समसत्र – MDC-HINDI, क्रेडिट – 03, कुल अंक -75
हिन्दी साहित्य एवं भाषा
- इकाई : 1 हिन्दी साहित्येतिहास लेखन की परंपरा, काल-विभाजन एवं नामकरण
- इकाई : 2 भाषा की परिभाषा, हिन्दी भाषा का उद्भव एवं विकास, हिन्दी की प्रमुख बोलियाँ, भाषा एवं बोली में
अंतर - इकाई : 3 हिन्दी कहानी का उद्भव एवं विकास, हिन्दी कहानीकार-राधाकृष्ण (पड़ोसी), प्रेमचंद (पूस की रात),
जयशंकर प्रसाद (पुरस्कार), फणीश्वर नाथ रेणु (संवदिया)
प्रथम समसत्र, AEC-HINDI , क्रेडिट – 02, कुल अंक – 50
हिन्दी व्याकरण और सम्प्रेषण
- इकाई : 1 – समास, पर्यायवाची शब्द, विलोम शब्द, लिंग-निर्णय, अनेक शब्दों के बदले एक शब्द, मुहावरे एवंलोकोक्तियाँ, पल्लवन एवं संक्षेपण
इकाई : 2 – संप्रेषणः अवधारणा और महत्व, संप्रेषणः प्रकार, माध्यम एवं तकनीक
प्रथम समसत्र- MN-1A, क्रेडिट – 04 कुल अंक – 100 (बाह्य परीक्षा-75, आंतरिक परीक्षा-25)
पाश्चात्य दार्शनिक चिंतन एवं हिन्दी साहित्य
- इकाई : 1 अभिव्यंजनावाद, स्वच्छंदतावाद, अस्तित्ववाद
- इकाई : 2 मनोविश्लेषणवाद, मार्क्सवाद, आधुनिकतावाद
- इकाई : 3 संरचनावाद, कल्पना, बिम्ब, फैंटेसी, मिथक एवं प्रतीक
- इकाई : 4 श्रीधर पाठक, जैनेन्द्र, यशपाल, रामविलास शर्मा, नामवर सिंह