नागपुरी के प्रमुख लोक गीत
- झुमइर
- जनानी झुमइर
- मर्दाना झुमइर
- बंगाल झुमइर
- डमकच
- पावस
- फगुआ
- उदासी
- इंचरधारा
- गोलवारी खेमटा रंग
- बियाह आउर लाइर
- झंझाइन
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- झुमइर
- जनानी झुमइर
- मर्दाना झुमइर
- बंगाल झुमइर
- डमकच
- यह महिला प्रधान नृत्य गीत है। यह विवाह के अवसर पर किया जाता है। विवाह या शादी तय होने के बाद विवाह की तिथि से 15 दिन पूर्व वर एवं कन्या दोनों के घर आंगन में घर या गांव की लड़कियां और महिलाएं रात्रि में आधी रात तक डोमकच गीत में नृत्य करती है।
- डोमकच नृत्य के दो प्रकार हैं – एकहरिया डोमकच और दोहरी डोमकच।
- फागुन के महीने में फगुवा के गीत शुरू हो जाते हैं। यह फागुन तथा चैत्र के महीने में गाया जाता है। या बसंत ऋतु का गीत है। फगडोल में भी फगुवा के गीत गाए जाते हैं। बसंत पंचमी से लेकर झंडा अर्थात रामनवमी तक इसका समय है। यह पुरुष प्रधान नृत्य है। कली या नचनी(नर्तकी) हो तो वह भी सम्मिलित होती है। भगवा में प्राय दो दलों में गायक बंट कर गाते है। गाने वाले झोंका झोंकी या लोका लोकी गीत गाते है।
- फगुवा में बजने वाले प्रमुख वाद्य यंत्र हैं – ढोलक, ढाक मांदर, झांझ , करताल, बांसुरी, मुरली ,सहनाई आदि।
- फगुआ पुछारी – फगुआ पुछारी में दो अलग-अलग दलों के बीच में प्रश्नोत्तरी के माध्यम से गायन किया जाता है। एक दल प्रश्न के माध्यम से दूसरे दल से सवाल पूछता है और दूसरा दल उस प्रश्न का जवाब गायन के माध्यम से देता है , इसे ही फगुआ पुछारी कहते हैं।