अजीत कुमार राय (ए. के. राय) ने धनबाद कोयला खदानों के मजदूरों को संगठित कर मजदूर आंदोलन चलाया। इन्होनें 1971 ई. में ‘मार्क्सवादी समन्वय समिति‘ का गठन किया। अलग झारखण्ड राज्य की मांग को लेकर इन्होने ‘लालखंड‘ का नारा दिया था।
एके राय 1977 में पहली बार सासंद बने थे। जेपी आदोलन के दौरान 1974 में एके राय ने विधायिका पद से इस्तीफा देने वाले पहले सिंदरी विधायक थे। इसके बाद 1977 में पहली बार धनबाद लोकसभा का चुनाव लड़ा और संसद बने। एके राय 1980 से1989 में भी धनबाद से सासंद बने।