- यूकैरियोटिक (Eukaryotic): इनकी कोशिका संरचना जटिल होती है जिसमें केंद्रक एवं उपांग उपस्थित होते हैं, जैसे- प्रोटोजोआ, कवक, शैवाल आदि।
- अधिकांश कवक परपोषित मृतजीवी होते हैं।
- इनमें जनन कायिक खंडन, विखंडन तथा मुकुलन द्वारा होता है।
- इनका उपयोग ब्रेड, बीयर इत्यादि बनाने में किया जाता है।
- कुछ कवक मानव स्वास्थ्य के लिये हानिकारक हैं। गंजापन, दमा एवं दाद-खाज का एक प्रमुख कारण कवक है। इसके अलावा फसलों के कई रोग कवक द्वारा फैलते हैं, जैसे- गेहूँ का रस्ट रोग। खमीर और मशरूम भी कवक हैं।
- सभी प्रोटोजोआ परपोषी होते हैं और प्रायः परजीवी के रूप में अन्य जीवों पर निर्भर रहते हैं।
- ट्रिपैनोसोमा नामक निद्रा रोग का कारण भी प्रोटोजोआ ही हैं।
- साथ ही मलेरिया, पेचिस जैसे रोग भी प्रोटोजोआ के कारण होते हैं।
- नोटः सर्दी-जुकाम तथा फ्लू में एंटीबायोटिक दवाएँ प्रभावशाली नहीं होती क्योंकि ये रोग विषाणुओं द्वारा फैलते हैं।