प्रकाश का विवर्तन (Diffraction of Light) : यदि किसी प्रकाश स्रोत व पर्दे के बीच कोई अपारदर्शी अवरोध ( obstacle) रख दिया जाए, तो हमें पर्दे पर अवरोध की स्पष्ट छाया (shadow) दिखलायी पड़ती है। इससे स्पष्ट होता है कि प्रकाश का संचरण सीधी रेखा में होती है ।
लेकिन यदि अवरोध का आकार बहुत छोटा हो, तो प्रकाश अपने सरल रेखीय संचरण से हट जाता है, वह अवरोध के किनारों पर मुड़कर छाया में प्रवेश कर जाता है ।
प्रकाश के इस प्रकार अवरोध के किनारों पर थोड़ा मुड़कर उसकी छाया में प्रवेश करने की घटना को प्रकाश का विवर्तन कहते हैं ।
विवर्तन के कारण अवरोध की छाया के किनारे तीक्ष्ण (sharp) नहीं होते हैं ।
प्रकाश के विवर्तन के कारण ही दूरदर्शी में तारों के प्रतिबिम्ब तीक्ष्ण बिन्दुओं की तरह दिखायी न देकर अस्पष्ट धब्बों की तरह दिखायी देते हैं ।
प्रकाश का विवर्तन अवरोध के आकार पर निर्भर करता है ।
यदि अवरोध का आकार प्रकाश की तरंगदैर्घ्य की कोटि (order) का है, तो विवर्तन स्पष्ट होता है
यदि अवरोध का आकार प्रकाश की तरंगदैर्घ्य की तुलना में बहुत बड़ा है, तो विवर्तन उपेक्षणीय होता है ।
प्रकाश का विवर्तन इसके तरंग प्रकृति की पुष्टि करता है।
ध्वनि तरंगों की तरंगदैर्घ्य प्रकाश के तरंगदैर्घ्य की तुलना में बहुत अधिक होती है, इस कारण से ध्वनि तरंगों में विवर्तन की घटना आसानी से देखने को मिलती है ।
ध्वनि तरंगें अवरोधों पर आसानी से मुड़कर हमें सुनाई देती हैं, जबकि प्रकाश तरंगों का तरंगदैर्घ्य हमारे जीवनोपयोगी वस्तुओं के आकार की आकार की तुलना में बहुत छोटी होती है, जिसके कारण हमें प्रकाश के विवर्तन की घटना साधारणतया देखने को नहीं मिलती है ।