- कांग्रेस के 53वें अधिवेशन का आयोजन – रामगढ़ में , 19-20 मार्च, 1940 को
- झारखण्ड में कांग्रेस का पहला तथा एकमात्र अधिवेशन
- अधिवेशन के अध्यक्ष– मौलाना अबुल कलाम आजाद
- इस अधिवेशन के बाद 1941-45 तक कांग्रेस का कोई अधिवेशन आयोजित नहीं हुआ
- मौलाना अबुल कलाम आजाद लगातार 6 वर्षों तक (आजादी से पूर्व सबसे लंबे समय तक) कांग्रेस के अध्यक्ष बने रहे।
- अधिवेशन के मुख्य द्वार का नाम – बिरसा मुंडा द्वार (बिरसा मुण्डा के नाम पर)
- सभा स्थल का नाम – मजहर नगर (मजहर-उल-हक के नाम पर)
- अधिवेशन से पूर्व गाँधी जी द्वारा 14 मार्च, 1940 को रामगढ़ में खादी ग्रामोद्योग का शुभारंभ किया गया।
- 15-18 मार्च, 1940 को रामगढ़ में कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक संपन्न हुयी।
- 17-19 मार्च – कांग्रेस विषय निर्वाचनी समिति की बैठक आयोजित हुई।
- बैठक के पहले दिन डॉ. राजेन्द्र प्रसाद द्वारा भारत तथा विश्व संकट पर मुख्य प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया।
- प्रस्ताव का अनुमोदन – पं. जवाहर लाल नेहरू ने
- बैठक के पहले दिन डॉ. राजेन्द्र प्रसाद द्वारा भारत तथा विश्व संकट पर मुख्य प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया।
- सत्याग्रह का प्रस्ताव (कांग्रेस का एकमात्र प्रस्ताव) प्रस्तुत – जवाहर लाल नेहरू द्वारा
- अनुमोदन – जे. बी. कृपलानी द्वारा किया गया।
- इस प्रस्ताव में 27 संशोधन प्रस्तुत किये गए
- जिसमें से 14 संशोधनों को वापस ले लिया गया
- तथा 13 संशोधन भारी बहुमत से गिर गए।
- स्वागत भाषण – डॉ. राजेन्द्र प्रसाद द्वारा
- अनुमोदन – जे. बी. कृपलानी द्वारा किया गया।
- अध्यक्षीय भाषण – अबुल कलाम आजाद द्वारा
- पूर्ण स्वराज की प्राप्ति का लक्ष्य तय किया गया
- वयस्क मताधिकार पर आधारित निर्वाचित संविधान सभा द्वारा देश के संविधान निर्माण
- इस अधिवेशन में टाना भगतो ने रामगढ़ में महात्मा गाँधी को 400 रुपये की एक थैली भेंट की थी।
- इस सम्मेलन में अन्य प्रमुख लोगों ने भागीदारी की।
- बिजली का प्रबंध – गया कॉटन मिल्स द्वारा
- अभियंत्रण का कार्य – रामजी प्रसाद वर्मा द्वारा
- खादी प्रदर्शनी का आयोजन – लक्ष्मी नारायण (चर्खा संघ के सचिव)
- बिहार की प्राचीन धरोहर पर आधारित स्मारिका का वितरण – जयचंद्र विद्यालंकर द्वारा
- बिहार की ऐतिहासिक घटनाओं पर केन्द्रित चित्रावली का वितरण, – ईश्वरी प्रसाद वर्मा द्वारा