APRIL 2022 CURRENT AFFAIRS
- केंद्र सरकार के द्वारा एक नया मॉडल जेल मैनुअल बनाया जा रहा है
- जिसमें कैदियों के पुनर्वास, महिला कैदियों के लिए अलग जेल और खुली जेल समेत अनेक बिंदुओं को समाहित किया जाएगा
कैदियों की पहचान संबंधी 1920 के कानून(1920 के Identification of Prisoners Act)
- ब्रिटिश काल के दौरान कैदियों की पहचान संबंधी 1920 के कानून की जगह लेने वाले “दंड प्रक्रिया (शिनाख्त) विधेयक 2022(criminal procedure (identification) bill-2022)” को लोकसभा में प्रस्तुत किया गया
- विधेयक में आपराधिक मामलों में शिनाख्त (identification) और जांच के उद्देश्य से दोषी और अन्य व्यक्तियों की माप लेने के लिए अधिकृत करने और इस रिकॉर्ड को संरक्षित रखने का प्रावधान किया गया है।
- अपराध की जांच थर्ड डिग्री के आधार पर नहीं बल्कि तकनीक एवं सूचना के आधार पर हो, ऐसे में थर्ड डिग्री से निजात दिलाने के लिए यह विधेयक लाया गया है.
- किसी अपराध के आरोप में गिरफ़्तार किए गए व्यक्ति के शरीर का नाप लिया जा सकेगा.
- नाप में व्यक्ति का फिंगर प्रिंट, फुट प्रिंट, आंखों की आयरिश का नमूना, उसकी तस्वीर, जैविक सैम्पल जैसे खून का नमूना, उसके हस्ताक्षर आदि शामिल होगा
- मजिस्ट्रेट के आदेश के बाद ये नमूने लिए जा सकेंगे.
- किसी पुलिस स्टेशन का थानाध्यक्ष या हेड कॉन्स्टेबल और जेल के हेड वार्डर से ऊपर रैंक का पुलिस अफ़सर नमूना ले सकेगा.
- नमूने से हासिल हुए आंकड़ों या डेटा को सुरक्षित रखने की ज़िम्मेदारी राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की होगी.