क्रिया-विशेषण
क्रिया-विशेषण की परिभाषा
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क्रिया की विशेषता बताने वाले शब्द को क्रिया-विशेषण कहते हैं। जैसे-राम धीरे-धीरे चलता है। इस वाक्य में राम के चलने की क्रिया की विशषता धीरे-धीरे बता रहा है, अतः धीरे-धीरे क्रिया-विशेषण है।
क्रिया-विशेषण के भेद एवं पहचान : चार भेद
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क्रिया-विशेषण के चार भेद होते हैं
(1) रीतिवाचक क्रिया-विशेषण
(2) कालवाचक क्रिया-विशेषण
(3) स्थानवाचक क्रिया-विशेषण
(4) परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण
1. रीतिवाचक क्रिया-विशेषण
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रीतिवाचक विशेषता का ज्ञान होता है। जैसे- कमीज अचानक फट गई। इस वाक्य में अचानक रीतिवाचक क्रिया-विशेषण है।
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पहचान – वाक्य में मुख्य क्रिया के साथ ‘कैसे’ लगाकर प्रश्न करने से जो उत्तर प्राप्त होगा, वह रीतिवाचक क्रिया-विशेषण होगा। जैसे कमीज अचानक फट गई।
प्रश्न – कमीज कैसे फट गई?
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उत्तर- ‘अचानक’
अतः अचानक क्रिया-विशेषण है।
2. कालवाचक क्रिया-विशेषण
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कालवाचक क्रिया-विशेषण से क्रिया के समय का ज्ञान होता है।
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जैसे : यह पुस्तक पुष्पा को तत्काल दे आओ। इस वाक्य में ‘तत्काल’ कालवाचक क्रिया-विशेषण है।
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पहचान – वाक्य में मुख्य क्रिया के साथ ‘कब’ लगाकर प्रश्न करने से जो उत्तर प्राप्त होगा, वह कालवाचक क्रिया-विशेषण होगा। जैसे-यह पुस्तक पुष्पा को तत्काल दे आओ।
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प्रश्न– पुस्तक ‘कब’ दे आए?
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उत्तर – ‘तत्काल’
अतः तत्काल कालवाचक क्रिया-विशेषण है।
3. स्थानवाचक क्रिया-विशेषण
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स्थानवाचक क्रिया-विशेषण से क्रिया के स्थान का ज्ञान होता है। जैसेसंजय बाहर घूम रहा है। इस वाक्य में ‘बाहर’ क्रिया-विशेषण है।
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पहचान – वाक्य में मुख्य क्रिया के साथ ‘कहाँ’ लगाकर प्रश्न करने से जो उत्तर प्राप्त होगा। वह स्थानवाचक क्रिया-विशेषण होगा जैसे-संजय बाहर घूम रहा है।
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प्रश्न– संजय कहाँ घूम रहा है?
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उत्तर – ‘बाहर’।
अतः बाहर स्थानवाचक क्रिया-विशेषण है।
4. परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण
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परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण से क्रिया की मात्रा या नाप-तौल का ज्ञान होता है। जैसे- थोड़ा खाना खाओ। इस वाक्य में थोड़ा परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण है।
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पहचान – वाक्य में मुख्य क्रिया के साथ ‘कितना’, “कितनी’ लगाकर प्रश्न करने से जो उत्तर प्राप्त होगा वह परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण होगा। जैसे-थोड़ा खाना खाओ।
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प्रश्न – कितना खाना खाओ।
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उत्तर – ‘थोड़ा।
अतः थोड़ा परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण है।