ईंधन (Fuel)
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वे पदार्थ जिनको जलाकर ऊर्जा प्राप्त की जा सकती है, ईंधन कहलाते हैं।
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विभिन्न ईंधन हैं- कोयला, पेट्रोलियम, जैव ईंधन, गैसीय ईंधन, इत्यादि।
अच्छे ईंधन का गुण
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सस्ता
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आसानी से उपलब्धता
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उच्च उष्मीय मान (high calorific value)
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सभी ईंधन में हाइड्रोजन का उष्मीय मान सबसे अधिक होता है
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Liquid हाइड्रोजन(liquid oxygen + liquid hydrogen) का प्रयोग रॉकेट ईंधन के रूप में किया जाता है
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इसे भविष्य का इंधन भी कहा जाता है
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निम्न प्रज्वलन ताप (low ignition temperature)
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जलने के बाद कम मात्रा में अवशिष्ट पदार्थ बचना चाहिए
भौतिक अवस्था के आधार पर ईंधन दो प्रकार के हैं।
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ठोस ईंधन (लकड़ी ,कोयला, चारकोल, कोक)
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गैस ईंधन (प्राकृतिक गैस ,कोल गैस, प्रोड्यूसर गैस,गोबर गैस)
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द्रव्य ईंधन (केरोसिन, पेट्रोल, डीजल, स्प्रिट(spirit) , एल्कोहल)
जीवाश्म ईंधन (Fossil Fuel)
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मृत जीवों के लाखों वर्ष पुराने अवशेषों से विभिन्न जैवकीय एवं भू-जैवकीय प्रक्रियाओं द्वारा निर्मित ईंधन, जीवाश्म ईंधन कहलाते हैं।
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जीवाश्म ईंधन के उदाहरण – कोयला एवं पेट्रॉलियम
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कोयला लाखों वर्ष पुराने वृक्षों, फर्नो तथा अन्य पौधों का अवशेष है।
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तेल तथा गैस लाखों वर्ष पुराने छोटे समुद्री पौधों तथा जीवों के अवशेष हैं।
कोयला
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कोयला जीवाश्म ईंधन है, जो अवसादी चट्टानों(sedimentary rocks) के रूप में पाया जाता है।
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कोयला हाइड्रोकार्बन का ही एक रूप है ।
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कोयले को चार वर्गों में विभाजित किया गया है।
चारकोल (Charcoal)
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लकड़ी का कोयला, या काठकोयला या चारकोल (Charcoal) ठोस पदार्थ है जो लकड़ी, हड्डी आदि को आक्सीजन की अनुपस्थिति में गरम करके उसमें से जल एवं अन्य वाष्शील पदार्थों को निकालकर बनाया जाता है। इस क्रिया को “उष्माविघटन” (Pyrolysis) कहते हैं।
कोक(Coke)
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कोयले से तैयार किया जानेवाला ठोस ईंधन।
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बिटुमिनस कोयले के प्रभंजक आसवन (destructive distillation) से प्राप्त होता है।
पेट्रोलियम (Petroleum)
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पृथ्वी सतह के नीचे पाए जाने वाले गैसीय या द्रवीय हाइड्रोकार्बनों की विस्तृत श्रेणी को सामान्यतः पेट्रोलियम कहते हैं।
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यह जीवाश्म ईंधन है।
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पेट्रोलियम दो प्रकार के होते हैं
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प्राकृतिक गैस (Natural Gas)
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क्रूड तेल (crude oil )
प्राकृतिक गैस (Natural Gas)
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हल्के हाइड्रोकार्बनों से मिलकर प्राकृतिक गैस बनती है।
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उदाहरण : मेथेन, एथेन, प्रोपेन, ब्यूटेन, आइसो ब्यूटेन तथा पेंटेन
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सभी जीवाशम ईंधनों में प्राकृतिक गैस स्वच्छतम् ईंधन है
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यह अन्य जीवाश्म ईंधनों की तुलना में कम प्रदूषक गैसें उत्सर्जित करती है।
संपीडित प्राकृतिक गैस (Compressed Natural Gas)
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प्राकृतिक गैस के व्यापारिक उपयोग के लिये इसमें से C3, C4, C5, हाइड्रोकार्बन अर्थात् प्रोपेन, ब्यूटेन और पेंटेन हटा कर बाज़ार में उपलब्ध कराया जाता है।
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इसमें मेथेन 80-90 प्रतिशत होती है।
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अत्यधिक दाब में रखे जाने के कारण ही इसे संपीडित प्राकृतिक गैस (CNG) कहते हैं।
द्रवीकृत पेट्रोलियम गैस (Liquified Petroleum Gas-LPG)
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प्राकृतिक गैस से C3, C4, हाइड्रोकार्बन अर्थात् प्रोपेन और ब्यूटेन को अत्यधिक दाब से द्रवीकृत करके घरेलू ईंधन के रूप में उपयोग में लाया जाता है।
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खाना बनाने के लिये स्वच्छ ईंधन रूप में प्रयोग के लिये इस सिलिंडरों में भर कर रखते हैं।
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सिलिंडरों मेंलीकेज़ का पता लगाने के लिए ‘मरकेप्टेन” नामक दुर्गंधयुक्त यौगिक मिलाते हैं
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Mercaptan (मरकेप्टेन)
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known as methanethiol
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chemical formula : CH4S
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मरकेप्टेनसल्फरयुक्त हाइड्रोकार्बन है।
क्रूड तेल (Crude Oil)
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द्रव पेट्रोलियम ईंधन को ‘क्रूड तेल कहते हैं।
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यह काले रंग का गाढ़ा द्रव होता है, जिसके प्रभाजी आसवन (fractional distillation) से केरोसीन, पेट्रोल, डीज़ल, प्राकृतिक गैस इत्यादि की प्राप्ति होती है।
अपस्फोटन (Knocking) एवं ऑक्टेन संख्या (Octane Number)
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आंतरिक दहन इंजनों (internal combustion engines) में प्रयुक्त होने वाले ईंधन का वायु मिश्रण ,इंजनों के सिलिंडरों में ज्वलन समय के पहले हो जाता है, जिससे ऊर्जा पूर्णतः कार्य में परिवर्तित न होकर धात्विक ध्वनि उत्पन्न करने में नष्ट हो जाती है। यह धात्विक ध्वनि(metallic sound) अपस्फोटन कहलाती है।
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अपस्फोटन कम करने हेतु ईंधनों में अपस्फोटनरोधी यौगिक (Antiknocking Compound) मिलाते हैं।
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अच्छे अपस्फोटनरोधी यौगिक – टेट्रा एथाइल लेड (TEL-tetra ethyl lead) तथा बेंजीन, टालुईन, जाइलीन का मिश्रण (BTX-benzene, toluene, xylene)
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पेट्रोल इंजन में प्रयुक्त ईंधन की गुणवत्ता व्यक्त करने के लिये ‘ऑक्टेन संख्या’ का प्रयोग करते हैं।
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अधिक ऑक्टेन संख्या का ईंधन कम अपस्फोटन करता है तथा उत्तम ईंधन माना जाता है।
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ऑटोमोबाइल ईंधनों में एथिलीन ग्लाइकॉल(ethylene glycol) का प्रयोग प्रतिहिम (Anti-Freeze) ऐजेंट की तरह करते हैं। इससे निम्न ताप पर भी ईंधन जमता नहीं है।
गैसोलीन या पेट्रोल (Petrol)
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गैसोलीन पेट्रोलियम क्रूड तेल से प्रभाजी आसवन द्वारा प्राप्त किया जाता है। इसका प्रयोग वाहनों इत्यादि में ईंधन के रूप में करते हैं।
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इसमें ऑक्टेन संख्या बढ़ाने के लिये एंटीनॉकिंग ऐजेंट मिलाया जाता है।
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अल्कोहल को जब पेट्रोल में मिला दिया जाता है, तो उसे पॉवर अल्कोहल (Poweralcohol) कहते हैं, जो ऊर्जा का एक वैकल्पिक स्रोत है।
गैसोहॉल (Gasohol)
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90% सीसा रहित पेट्रोल तथा 10% एल्कोहॉल के मिश्रण को गैसोहॉल कहा जाता है।
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एल्कोहॉल को मिलाने से पेट्रोल की ऑक्टेन संख्या बढ़ जाती है, अतः इसमें लेड का प्रयोग नहीं करना पड़ता। लेड एक भारी धातु है, जो पर्यावरणीय रूप से ज़्यादा हानिकारक है।
बायो डीज़ल (Bio diesel)
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जैविक स्रोतों से प्राप्त हाइड्रोकार्बन के प्रभाजी आसवन से बायो डीज़ल प्राप्त होता है। जीवाश्म ईंधन की तरह इसे भी आंतरिक दहन इंजन में ईंधन की तरह प्रयोग किया जाता है, परंतु यह नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोत है।
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कैनोला(Canola), जैट्रोफा(Jatropha,), सैलीकॉर्निया (Salicornia) आदि पौधों से बायो डीज़ल प्राप्त किया जाता है।
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इसे हरित डीज़ल (Green diesel) भी कहा जाता है।
डीज़ल (Diesel)
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पेट्रोलियम क्रूड के प्रभाजी आसवन में डीज़ल भी प्राप्त होता है। इसका प्रयोग सामान्यतः भारी वाहनों में किया जाता है।
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डीज़ल में गैसोलीन की तुलना में सल्फर और नाइट्रोजन अवयव ज़्यादा होते हैं, जिसके कारण इसके दहन से एग्जॉस्ट (Exhaust) में ज़्यादा सल्फर डाइऑक्साइड एवं नाइट्रोजन के ऑक्साइड प्रदूषक रूप में निकलते हैं।
गैसीय ईंधन (gaseous fuel)
Coal Gas(कोल गैस)
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यह कोयले के भंजक आसवन (Destructive distillation) से बनाया जाता है।
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यह रंगहीन तीक्ष्ण गंध वाली गैस है ।
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यह वायु के साथ विस्फोटक मिश्रण बनाती है।
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इसमें 54% हाइड्रोजन, 35% मिथेन, 11% कार्बन मोनोक्साइड, 5% हाइड्रोकार्बन, 3% कार्बनडाइ आक्साइड होता है।
Water Gas (जल गैस)
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लाल तप्त कोक से जलवाष्प प्रवाहित करने से कार्बन मोनोऑक्साइड एवं हाइड्रोजन गैसों का मिश्रण प्राप्त होता है, जिसे जल गैस कहते हैं
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इसमें हाइड्रोजन 49%, कार्बन मोनोक्साइड 45% तथा कार्बनडाइ ऑक्साइड 4.5% होता है।
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इसका उपयोग हाइड्रोजन एवं अल्कोहल के निर्माण में अपचायक(reducing agent) के रूप में होता है।
Producer Gas (प्रोडूसर गैस)
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यह गैस लाल तप्त कोक पर वायु प्रवाहित करके बनायी जाती है।
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इसमें मुख्यतः कार्बन मोनोक्साइड ईंधन का काम करता है।
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इसमें 70% नाइट्रोजन, 25% कार्बन मोनोक्साइड एवं 4% कार्बनडाइ ऑक्साइड रहता है।
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काँच एवं इस्पात उद्योग में इसका उपयोग ईंधन के रूप में किया जाता है।
गोबर गैस (Bio-gas):
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गीले गोबर (पशुओं के मल) के सड़ने पर ज्वलनशील मिथेन गैस बनती है, जो वायु की उपस्थिति में जलती है।
Natural Gas (प्राकृतिक गैस)
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यह पेट्रोलियम कुआँ से निकलती है।
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इसमें 95% हाइड्रोकार्बन होता है, जिसमें 80% मिथेन रहता है।
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CNG – Methane, Ethane
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घरों में प्रयुक्त होने वाली द्रवित प्राकृतिक गैस को LPG कहते हैं।
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यह ब्यूटेन एवं प्रोपेन का मिश्रण होता है, जिसे उच्च दाब पर द्रवित कर सिलेण्डरों में भर लिया जाता हैं।
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सिलेण्डरों में सल्फर के यौगिक (मिथाइल मरकॉप्टेन) को मिला देते हैं, ताकि इसके रिसाव को इसकी गंध से पहचान लिया जाय।
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सिगरेट लाइटर में ब्यूटेन(Butane) का प्रयोग होता है।
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अग्निशमन(fire fighting) में कार्बन डाइऑक्साइड गैस प्रयोग किया जाता है
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Fire Extinguisher (अग्निशामक)