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Khortha
डाह माने हेवे हे
- इरसा करेक
- डहर रोकेक
- गुमान करेक
- बात बनवेक
भाई-बहिन केर पेयार के प्रतीक रूपे कोन परब खोरठा छेतरे मनवल जाहे?
महेस गोलवार जी के जनम कहिया हेल रहे
- 1 फरवरी, 1911
- 2 मार्च, 1513
- 15 अप्रैल, 2013
- 1 फरवरी, 1910
उदासी सिसक कहनी लिखल हथ?
- डॉ. बिनोद कुमार
- डॉ. चतुर्भुज साहु
- पंचम महतो
- डॉ. बी.एन. ओहदार
डॉ. चतुभुर्ज साहुक जनम भेल रहे
- 3 जनवरी, 1950
- 20 फरवरी, 1952
- 15 मार्च, 1951
- इकर में कोइ नाब
डोंगल के अरथ हे
- फेंकल
- चुनल-बिछल
- दान करल
- उधार लियल
ई, ऊ कोन रकमेक सरबनामेक पटतइर लागे?
- पुरुष वाचक
- ठेकान वाचक
- अनठेकान वाचक
- निजवाचक
महतवाइन में कोन प्रत्यय हे
मास्टर साहब के नावें खोरठाक कोन हास्य-व्यंग्य कवि जानल जा हथ
- विश्वनाथ दसौंधी राजा
- रामशरण विश्वकर्मा
- फुतेश्वर करमाली
- श्याम सुंदर महतो ‘श्याम’
एक पथिया डोंगल महुआ कविता संग्रह के भूमिका लिखल हथ ?
- डॉ. दयानन्द बटोही
- शिवनाथ प्रमाणिक
- डॉ. गजाधर महतो प्रभाकर
- डॉ. भोलानाथ महतो
हेमाल माने हेवे हे
सोब टाय चल हे फिंगाठी निबंध के लिखवइयान हथ
- महेस गोलवार
- डॉ. बीएन ओहदार
- अमर कुमार
- शिवनाथ प्रमाणिक
बहुवचन बनवेक प्रत्यय हे
- वइन
- अइन/इयन
- गुला/गुलीन
- ई सभे
संइंगाक (संज्ञा के) कइगो भेद हे?
डीडाक डोआनी कोन काइब हे?
- खण्ड काइब
- महाकाइब
- लोक महाकाइब
- कोइ नाज
काड़ा कर इस्तीलिंग रूप के हे?
छउवा दुलार सिरसक कविता केकर लिखल लागइ?
- भुवनेश्वर दत्त शर्मा ‘व्याकुल’
- श्री निवास पानुरी
- श्याम सुंदर महतो
- डॉ. ए. के. झा
खोरठा निबंध में छोटानागपुरेक नैनीताल कोन जगह के कहल गेल हे?
- नेतरहाट के
- हजारीबाग के
- किरीबुरू के
- दुमका के
डाह नाटक के भूमिका लिखल हथ ?
- शिव नाथ प्रमाणिक
- दिनेश कुमार दिनमणि
- प्रभाकर महतो
- ए. के. झा
फरीछ डहर खोरठा कहनीक गोछ के भूमिका लिखल हथ
- शिवनाथ प्रमाणिक
- डॉ. चर्तुभुज साहु
- डॉ. बिनोद कुमार
- डॉ. बीएन ओहदार
धरती छोटानागपुरेक सिरसक कविता कोन किताबे छपल हे?
- खोरठा गइद-पइद संग्रह
- तातल व हेमाल
- एक पथिया डोंगल महुआ
- सोंध-माटी
संइगा (संज्ञा) कर ओजी जे आवे; ऊ कहा हे
- उपसंइंगा
- सरबनाम/सर्वनाम
- बिसेसन
- अव्यय
फरीछ डहर किताब के लिखवाइक जनम करल रहे
- 28.01.1949
- 25.02.1950
- 20.05.1951
- 21.10.1955
‘सोंध-माटी’ किताब के प्रकाशन बछर हे
बोरवा अड्डाक अखर बोर सिरसक संस्मरण केकर उपर लिखल गेल हे?
- श्रीनिवास पानुरी
- भुवनेश्वर दत्त शर्मा ‘व्याकुल’
- विश्व नाथ दसौंधी राज
- राधाकृष्ण
खोरठात्र वचन कइगो हेवे हे
मांझो कहनी के लिखइया हथ
- भुवनेश्वर साहु
- वंशीलाल वंशी
- शांति भारत
- कुमारी शशि
पुरूषवाचक सरबनाम कर भेद नाज हे
- उत्तम पुरूष
- मध्यम पुरूष
- अन्य पुरूष
- गौण पुरूष
खोरठा गइद-पइद संगरह के प्रधान संपादक हथ
- डॉ. बीएन. ओहदार
- डॉ. बिनोद कुमा
- डॉ. ए.के. झा
- शिवनाथ प्रमाणित
बुढ़ारी कोन रकमेक संइंगा लागे?
- जातिबोधक
- खास बोधक (व्यक्तिवाचक)
- भावबोधक
- गोठ बोधक (समूहवाचक)
सोंधमाटी किताब के लिखइया हथ
- डॉ. गजाधर महतो प्रभाकर
- डॉ. विनोद कुमार
- डॉ. भोलानाथ महतो
- डॉ. चतुर्भुज साहू
डींडाक डोंआनी काइबे कइगो सर्ग हे
खोरठाञ बचन माने की हेवे हे?
खोरठा गइद-पइद संग्रह के प्रकाशन बछर हे
दीदीजी कहनी के लिखवइया हथ
- डॉ. बी एन ओहदार
- डॉ. बिनोद कुमार
- डॉ. चतुर्भुज साहू
- पंचम महतो
डाह नाटक के प्रकासन बछर हे
फरीछ डहर किताबे कइगो कहनी संकलित हे?
सुकुमार जी खोरठा गइद-पइद संग्रह में कविता लिखल हथ ओकर सिरसक हे
- बेंडाइल सव
- गुजेक मरम
- पथान गीत
- आंवेक मानुस
डाह नाटक के नाटककार हथ
- सुकुमार
- विश्वनाथ दसौंधी ‘राज’
- इमतियाज गदर
- महेन्द्र प्रबुद्ध
साधु कर इस्तीलिंग रूप हे
- साध्वी
- सधुवाइन
- साधुआइन
- सधुवा
बेदियाइन में कोन प्रत्यय हे
खोरठा निबंध किताब में कइगो निबंध संकलित
खोरठा निबंध प्रथम संस्करण के प्रकाशन बछर हे
विसेसन कर कइगो भेद हे
ए. के. झा जी जनम भेल रहे
- 20 जून, 1939
- 25 जून, 1940
- 20 अगस्त, 1941
- 15 जुलाई, 1942
डाह नाटक के प्रकाशक हथ
- श्रीमती कुंती देवी भेण्डरा (बोकारो) (मूर्ति देवी)
- दिनेस कुमार ‘दिनमणि’ बाराडीह, बोकारो
- जनजातीय भाषा अकादमी, रांची
- बोकारो खोरठा कमिटी
डींडा माने हेवे हे
- घर-बाड़ी
- पूजा-स्थल
- सरना
- अखड़ा
हेराइल हांसी कहनीक पुरूस पात्र के नाम हे?
- बिमल बाबु
- निरमल बाबु
- विश्वनाथ बाबु
- सत्यनारायण बाबु
डींडाक डोआनी काइब के लिखवइया हथ
- डॉ. गजाधर महतो प्रभाकर
- वंशीलाल वंशी
- दिनेस कुमार ‘दिनमणि’
- डॉ. बिनोद कुमार
उइड़ गेलक फुलवा रहइ गेलक बास सिरसक संस्मरण के लेखक हे
- गोविंद महतो ‘जंगली’
- शांति भारत
- परितोष कुमार प्रजापति
- गिरिधारी गोस्वामी
तातल आर हेमाल कविता संग्रह के प्रकाशन बछर हे
तातल आर हेमाल कविता संग्रह के लिखवइया हथ
- शिवनाथ प्रमाणिक
- संतोष कुमार महतो
- जर्नादन गोस्वामी ‘व्यथित’
- बंशीलाल बंशी
हमनी सब एक सिरसक कविता के कवि हथ
- ए. के. झा
- शिवनाथ प्रमाणिक
- फुतेश्वर करमाली
- श्रीनिवास पानुरी
रांची कोन रकमेक संइगा लागे?
- जातिवाचक
- व्यक्तिवाचक
- भाववाचक
- द्रव्यवाचक
सोंध माटीक टाब सिरसक कहनी केकर लिखल हय?
- भोगनाथ ओहदार
- बंशीलाल बंशी
- विनोद कुमार
- दिनेस कुमार दिनमणि
सोंध-माटी किताब के प्रकाशक हे
- जनजातीय भाषा अकादमी, रांची
- बोकारो खोरठा कमिटी, बोकारो
- खोरठा साहित्य संस्कृति अकादमी, रामगढ़
- खोरठा विकास समिति, हजारीबाग
खोरठा एगो ‘स्वतंत्र-समृद्ध भासा सिरसक लेख के लेखक हथ
- महेस गोलवार
- अमर कुमार
- शिवनाथ प्रमाणिक
- ए. के. झा
फिंगाठी (व्यंग) कविता के कवि हथ
- रामशरण विश्वकर्मा
- शांति भारत
- नागेश्वर महतो
- बंशीलाल बंशी
उलगुलान माने हेवे हे
- क्रांति
- धरना-प्रदर्शन
- भीड़ जमा करेक
- इकर में कोनो नाज
फरीछ डहर खोरठा कहनीक गोछ किताब के प्रकाशक हे?
- बालीडीह खोरठा कमिटी
- बोकारो खोरठा कमिटी
- रामगढ़ खोरठा कमिटी
- हजारीबाग खोरठा विकास परिषद
एक पथिया डोंगल महुआ कविता संग्रह किताब के लिखइया हथ
- संतोष कुमार महतो
- बंशीलाल बंशी
- शांति भारत
- प्रदीप कुमार दीपक
कखन हतकर भोर सिरसक कविता के कवि हथ
- सुकुमार
- प्रदीप कुमार दीपक
- शांति भारत
- बंशीलाल बंशी
देसेक जुवान सिरसक कविता के कवि हथ
- शांति भारत
- डॉ. बिनोद कुमार
- कुमारी शशि
- प्रदीप कुमार दीपक
चिकनमुही में चिकन की लागे?
- सइंगा
- सरबनाम
- बिसेसन
- क्रिया बिसेसन
बाछा कर इस्तीलिंग रूप हे?
- बाछी
- फेटाइन
- दुइयो
- कोनो नाज
सरबनाम कर कतना भेद हे
डींडाक डोआनी के प्रकाशन बछर हे
चाइर गो छउवा खेल रहल हथ चाइर गो कोन रकमेक बिसेसन लागे?
- गुनवाचक
- संख्यावाचक
- मातरा वाचक
- सार्वजनिक विसेसन
पाठा कर इस्तीलिंग रूप हे
छउवाली कोन रकमेक सइगा लागे?
- जातिवाचक
- व्यक्तिवाचक
- भाववाचक
- समूहवाचक
संगा (संज्ञा) ककरा कहल जाहे?
- कोनो काम के
- कोना नाम के
- कोनो गुण के
- कोनो सेवा के
उडीस महातम फिंगाठी लेख लिखल हथ?
- महेस गोलवार
- डॉ. बीएन ओहदार
- डॉ. बिनोद कुमार
- दिनेस कु. दिनमणि
कुम्हार के इस्तीलिंग रूप हे
- कुम्हाइन
- कुम्हारिन
- कुम्हरी
- कोई नाब
सोंध-माटी किताब के एक कविता में सामाजिक करिखा केकरा कहल गेल हे?
- भ्रष्टाचार
- दहेज
- आत्महत्या
- लूट
हुलुस्थुल माने हेवे हे
- आंदोलन
- अफवाह
- मारपीट
- जोगाड़
घोड़ा कर बहुवचन हे
- घोड़वइन
- घोड़ावइन
- घोड़अइन
- घोड़इयन
रछा बंधन सिरसक कविता कोन किताबें छपल
- सोंध-माटी
- एक पथिया डोंगल महुआ
- तातल आर हेमाल
- खोरठा गइद-पइद संग्रह
कवि विश्वनाथ दसौंधी राज जी के जनम काल
- 15 अप्रैल, 1943
- 20 अप्रैल, 1946.
- 13 अप्रैल, 1945
- 15 अप्रैल, 1947
डाह नाटक के मुइख जनी पात्र के नाम हे
तातल माने हेवे हे
एक पथिया डोंगल महुआ के प्रकाशक बछर हे
धरम करम कहनी के लिखवइया हथ
- दिनेस कुमर दिनमणि
- बंशीलाल बंशी
- परितोश कुमार प्रजापति
- भुवनेश्वर साहु
हामिन के संस्कृति, आर तकर उपरे संकट निबंध लिखल हथ
- पंचम महतो
- विश्वनाथ प्रसाद
- शांति भारत
- डॉ. बीएन. ओहदार
जतरा-कोन रकमेक संइया लागे?
- जातिवाचक
- व्यक्तिवाचक
- भाववाचक जी
- समूहवाचक
साढू कर इस्तीलिंग रूप की हे?
- साढुवाइन
- रोडा /जेरसास/सारी
- साढूनी
- साढनी
तातल आर हेमाल किताब के प्रकाशक हे
- बोकारो खोरठा कमिटी बोकारो
- खोरठा साहित्य संस्कृति परिषद बोकारो
- खोरठा साहित्य कुटीर बैदमारा, बोकारो इस्पात नगर
- खोरठा भाषा साहित्य अकादमी, रामगढ़
सइंया बा सरबनामेक बिसेसता बतवे हे ओकरा कहल जाहे
- सइंगा
- सर्वनाम
- क्रिया
- विशेशन
जोन क्रिया संगे कर्म रहे हे ओकरा कहल जा
- सकर्मक क्रिया
- प्रेरणार्थक क्रिया
- आर्कमक क्रिया
- सहायक क्रिया
जोन क्रियाक संग कर्म नाज रहे न रहेक संभावना रहे हे, ऊ कहा हे
- सकर्मक क्रिया
- अकर्मक क्रिया
- प्रेरणार्थक क्रिया
- कोई नाज
फरीछ डहर किताब केकर लिखल लागइ?
- सुकुमार
- डॉ. डी.सी. राय
- पंचम महतो
- अरविंद कुमार
एक पथिया डोंगल महुआ के प्रकाशक हे
- बोकारो खोरठा कमिटी बोकारो
- खोरठा साहित्य सांस्कृति अकादमी रामगढ़
- रामधन प्रकाशन, गांग जोरी गिरिडीह
- खोरठा भाषा विकास समिति, गिरिडीह
कवि संतोष कुमार महतो के जनम काल रहे
- 2 सितम्बर, 1930
- 4 अक्टूबर, 1932
- 2 सितम्बर, 1932
- 5 अगस्त, 1933
खोरठा निबंध प्रथम संस्करण के प्रकाशक हे
- जनजातीय भासा अकादमी, रांची
- जनजातीय भासा विकास शोध संस्थान, रांची
- खोरठा साहित्य संस्कृति परिषद, रामगढ़
- बोकारो खोरठा कमिटी
क्रियाक मूल रूप के कहल जाहे
- धातु
- मूल क्रिया
- सइंगाली
- सर्वनाम
जय जवान, जय किसान सिरसक कविता के कवि हथ
- जनार्दन गोस्वामी
- रामशरण विश्वकर्मा
- श्री महेस गोलवार
- विश्वनाथ दसौंधी ‘राज’
डहर बनाइ चले रे सिरसक कविता केकर लिखल लागइन
- प्रदीप कुमार दीपक
- श्याम सुंदर महतो ‘श्याम’
- शिवनाथ प्रमाणिक
- ए. के. झा
लिखेक कोन रकमेक क्रिया लागे?
- सर्कमक क्रिया
- अकर्मक क्रिया
- प्रेरणार्थक क्रिया
- कोई नाब
बंशीलाल बंशी जी के जनम भेल रहे
- 11 मार्च, 1954
- 12 मार्च, 1955
- 15 अगस्त, 1955
- 3 सितम्बर, 1956
दारजिलिंग आर गंगटोक जातरा वृतांत के लिखल हथ?
- गोविन्द महतो जंगली
- डॉ. चतुर्भुज साहु
- शिवनाथ प्रमाणिक
- सुकुमार |
डीडाक डोआनी किताब के प्रकाशक हे
- खोरठा भासा साहित्य अकादमी, रामगढ़
- बोकारो खोरठा कमिटी, बोकारो
- जनजातीय भाषा अकादमी
- कोनो नाब