आचार्य विनोबा भावे की 127वीं जयंती
11 सितम्बर 1895-15 नवम्बर 1982
- आचार्य विनोबा भावे का जन्म 11 सितम्बर 1895 को गाहोदे,कोलाबा (वर्तमान रायगढ़ जिला ) महाराष्ट्र ,में हुआ था।
- विनोबा भावे का मूल नाम विनायक नरहरि भावे था।
- वह महाराष्ट्र के चितपावन ब्राह्मण परिवार से थे।
- उनके पिता का नाम नरहरी शम्भू राव था।
- उनकी माता का नाम रुक्मिणी बाई था।
- आचार्य विनोबा भावे भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, सामाजिक कार्यकर्ता तथा प्रसिद्ध गांधीवादी नेता थे।
- विनोबा ने ‘गांधी आश्रम’ में शामिल होने के लिए 1916 में हाई स्कूल की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी।विनोवा भावे की महत्मा गाँधी से पहली मुलाक़ात 7 जून सन 1916 में हुई
- 1916 में मात्र 21 वर्ष की आयु में, वे घर छोड़कर काशी चले गए थे।
- सन 1923 में उन्होंने ‘महाराष्ट्र धर्म’ नामक एक मासिक पत्रिका निकालनी शुरू की।
- पवनार आश्रम की स्थापना 1934 में महाराष्ट्र के वर्धा ज़िले के पवनार गाँव में धाम नदी के तट पर विनोबा भावे ने की थी।
- 1937 में विनोबा भावे पवनार आश्रम में चले गये। तब से उन्होंने रचनात्मक कार्यों को प्रारंभ किया।
- सन 1940 में इन्हें पांच साल की जेल हुई. विल्लोरी जेल में रहते हुए उन्होंने ‘ईशावास्यवृत्ति’ और ‘स्थितप्रज्ञ दर्शन’ नामक दो पुस्तकों की रचना की और दक्षिण भारत की चार भाषाएँ सीखी और ‘लोकनागरी’ नामक एक लिपि की रचना की. जेल के दौरान ही उन्होंने जेल में रहते हुए भगवद्गीता का मराठी भाषा में अनुवाद किया। ये अनुवादित पुस्तक बाद में ‘टॉक्स ओं द गीता’ के नाम से प्रकाशित हुआ .
- महात्मा गांधी ने ,सर्वोदय आंदोलन आरंभ किया। अहिंसात्मक तरीके से देश में सामाजिक परिवर्तन लाने आचार्य विनोबा भावे ने सर्वोदय समाज की स्थापना 1950 में की। सर्वोदय का अर्थ है – सबका उदय, सबका विकास।सर्वोदय ऐसे वर्गविहीन, जातिविहीन और शोषणमुक्त समाज की स्थापना करना चाहता है, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति और समूह को अपने सर्वांगीण विकास का साधन और अवसर मिले।
- उसके बाद 1951 में भूदान आंदोलन सुरु किया,जो कि एक स्वैच्छिक भूमि सुधार आन्दोलन था।
- 1959 में उन्होंने, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए, ब्रह्म विद्या मंदिर की स्थापना महाराष्ट्र के पुनर में की।
- स्वराज शास्त्र, गीता प्रवचन और तीसरी शक्ति उनकी लिखी किताबों में से प्रमुख है।
- आचार्य विनोबा भावे का निधन 15 नवम्बर 1982 को वर्धा में हुआ।
- वह 1958 रेमन मैग्सेसे पुरस्कार पाने वाले पहले भारतीय थे।
- 1983 में उन्हें मरणोपरांत ‘भारत रत्न’ से भी सम्मानित किया गया।
- ‘जय जगत’ का नारा विनोबा भावे ने दिया था
- भारत के झारखंड में इनके नाम पर विनोबा भावे विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है.
विनोबा भावे का समाधि स्थल कँहा है ? पवनार आश्रम
पवनार आश्रम कँहा स्थित है ?