- स्थापना: 1873 में अमृतसर में स्थापित, यह सिख सुधार आंदोलन ईसाई, आर्य समाज और अन्य धर्मांतरण गतिविधियों के प्रतिक्रियास्वरूप शुरू हुआ।
- उद्देश्य: सिख धर्म की मूल शिक्षाओं को बहाल करना, गुरुमुखी पंजाबी का प्रचार, और सिखों को शिक्षा के माध्यम से जागरूक बनाना24।
- विस्तार: 1879 में लाहौर में दूसरी सिंह सभा की स्थापना हुई, जिसने आंदोलन को पंजाब भर में फैलाया।