शंकर देव अहोम (आधुनिक असम) के रहने वाले। वैष्णव तथा एकशरण संप्रदाय से जुड़ाव। मूर्ति पूजा एवं कर्मकांड दोनों के विरोधी। ‘असम के चैतन्य’ कहलाते थे। ‘अंकिया’ नामक नाटक शैली का विकास। Related Articles:25 SEPTEMBER 2022 Daily Current Affairs