• शंकर देव अहोम (आधुनिक असम) के रहने वाले। 
  • वैष्णव तथा एकशरण संप्रदाय से जुड़ाव। 
  • मूर्ति पूजा एवं कर्मकांड दोनों के विरोधी। 
  • असम के चैतन्य’ कहलाते थे। 
  • अंकिया’ नामक नाटक शैली का विकास।