मुड़फुचका
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      • मुड़फुचका (लघुकथा ) के लेखक – गिरिधारी गोस्वामी आकाशखूंटी
        • दू डाइर जिरहूल फूल (10th खोरठा Book ) – खोरठा साहित्य संस्कृति परिषद् , रामगढ़
      • इस कहानी के तीन पात्र हैं – विजय, नीरू या नीरा और नीरा का पिता
      • विजय और नीरू एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं। एक दिन नीरू के कहने पर विजय नीरू के पिता से दोनों की शादी का बात करने के लिए जाता है। नीरू का पिता जो की आधुनिक ख्यालात का है। वह बिना गुस्सा किया, विजय की बातों को समझ जाते हैं। लेकिन फिर भी वह कहते हैं, की शादी ब्याह का बात में बहुत सारा नियम धर्म होता है जैसे की लेन, देन , पावना पतिक आदि। तो विजय कहता है कि, नियम धर्म लेनदेन के बारे में उसे कुछ नहीं पता, बस वो दोनों एक दूसरे से प्यार करते हैं और शादी करना चाहते हैं – दहेज की बात उनके पिता जाने। मतलब की विजय दहेज़ लेगा।