- ब्लैक होल/कृष्ण विवर अंतरिक्ष में ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ बहुत अधिक मात्रा में द्रव्यमान एक छोटे से आयतन में समाया हुआ है।
- इससे गुरुत्वाकर्षण बल इतना प्रबल होता है कि प्रकाश भी उससे बच नहीं सकता। ये विशालकाय तारों के ढहने से बनते हैं,
- अल्बर्ट आइंस्टीन ने 1916 में ‘सापेक्षता के सिद्धांत‘ के माध्यम से पहली बार ब्लैक होल की भविष्यवाणी की थी।
- भौतिक वैज्ञानिक जॉन व्हीलर ने 1967 में सार्वजनिक व्याख्यान में सर्वप्रथम ब्लैक होल’ शब्द का प्रयोग किया।