- ब्रह्मपुत्र नदी अपवाह तंत्र – हिमालय के उत्तर में स्थित मानसरोवर झील के पास कैलाश श्रेणी के ‘चेमायुंगडुंग हिमानी’ से निकलने के पश्चात् तिब्बत में ‘सांग्पो’ नाम से पूर्व की ओर प्रवाहित होती है। तिब्बत में ‘रांगो सांग्पो‘ इसके दाहिने तट की प्रमुख नदी है।
- इसके बाद सिंटेक्सियल बेंड के सहारे नामचा बारवा के निकट मध्य हिमालय को काटती हुई, यंग्याप दर्रे के द्वारा दक्षिण दिशा में मुड़कर (यू-टर्न लेते हुए) भारत के अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश करती है, जहाँ इसको ‘सियांग’ अथवा ‘दिहांग’ नाम से जाना जाता है तथा दिबांग एवं लोहित नदी के बायें तट से मिलने के बाद इसे ‘ब्रह्मपुत्र’ के नाम से जाना जाता है।
- ब्रह्मपुत्र को तिब्बत में सांग्पो या सांपू के नाम से, अरुणाचल प्रदेश में दिहांग, असम में ब्रह्मपुत्र एवं बांग्लादेश में जमुना नाम से जाना जाता है।
- यह विश्व की सबसे लंबी नदियों में से एक है जो गंगा नदी के साथ मिलकर विश्व का सबसे बड़ा डेल्टा (सुंदरबन डेल्टा) बनाती है। इसमें सिल्ट का निक्षेपण अत्यधिक मात्रा में होता है।
- ‘राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या-2’ (सादिया से धुबरी तक) को ब्रह्मपुत्र नदी पर ही बनाया गया है।
- ब्रह्मपुत्र नदी में ही विश्व का सबसे बड़ा नदी द्वीप ‘माजुली’ (असम) स्थित है।
- ब्रह्मपुत्र नदी के दायें तथा बायें दोनों तटों से इसकी अनेक सहायक नदियाँ आकर मिलती हैं, जिनमें सुबनसिरी, कामेंग, मानस, अमो, संकोश, तीस्ता इसके दायें तट की तथा दिबांग, लोहित, धनसिरी, कोपिली, मेघना तथा बराक इसके बायें तट से मिलने वाली नदियाँ हैं।
- मेघना की मुख्य धारा बराक नदी का उद्गम मणिपुर की पहाड़ियों से होता है। इसकी मुख्य सहायक नदियाँ माकू, तरंग, तुईवई, जिरी, सोनाई, रुकनी, काथखल, धलेश्वरी, लांगाचिनी, मदुवा और जटिंगा है।
- नोट: लोहित नदी को ‘खूनी नदी’ भी कहा जाता है।
- भारत में प्रमुख नदी द्रोणी घटते क्रम में – गंगा > सिंधु > गोदावरी > कृष्णा > ब्रह्मपुत्र > महानदी