पुमंग (Androecium) : यह पुष्प का तीसरा चक्र है जो नर अंगों का बना होता है।

  • प्रत्येक  नर अंग पुंकेसर (Stamen) कहलाता है।
  • पुंकेसर ही पुष्प का वास्तविक नर भाग है।
  • प्रत्येक पुंकेसर के तीन भाग होते हैं
    • तन्तु या फिलामेंट (Filament)
    • परागकोष या ऐन्थर (Anther) था
    • योजी या कनेक्टिव (Connective)।
  • पुतन्तु पतला सूत्रनुमा भाग होता है जो पुंकेसर को पुष्पासन से जोड़ता है
  • पुंकेसर में एक द्विपालिक (bilobed) रचना होती है जिसे परागकोष (Anthers) कहते हैं।
  • परागकोष में चार कोष्ठ होते हैं, जिन्हें परागपुट (Pollen sacs) कहते हैं। परागपुट में ही परागकण (Pollen grains) की उत्पत्ति होती है।
  • परागकण ही वास्तविक नर युग्मक (Male gamete) होता है।
  • जब परागकोष पक जाते हैं तब वे फट जाते हैं और परागकण प्रर्कीर्णन के लिए तैयार होते हैं।
  • योजी (Connective) पुतन्तु तथा परागकोष को जोड़ने का काम करता है।