• स्थापना: पारसी धर्म (ज़ोरोएस्ट्रियन धर्म) की स्थापना पैगंबर जरथुस्त्र ने लगभग 3500 साल पहले प्राचीन फारस (ईरान) में की थी।
  • पवित्र ग्रंथ: अवेस्ता
  • पारसी धर्म में एकेश्वरवाद है और ईश्वर को अहुरा मज़्दा (प्रकाश और सत्य का देवता) कहा जाता है।
  • अग्नि पवित्र मानी जाती है और इसे शुद्धता का प्रतीक माना जाता है। पूजा स्थलों को आतिश बेहराम कहा जाता है।
  • 7वीं शताब्दी में इस्लामी आक्रमणों से बचने के लिए पारसी भारत आए और गुजरात में बस गए।
  • त्योहार: प्रमुख त्योहारों में नवरोज़ (फारसी नववर्ष) और खोरदाद साल (जरथुस्त्र का जन्मदिन) शामिल हैं।
  • शवों को “टावर ऑफ साइलेंस” में रखा जाता है, जहाँ प्रकृति के हवाले किया जाता है।
  • पारसियों की धार्मिक भाषा अवेस्तन है, लेकिन भारत में वे मुख्यतः गुजराती और अंग्रेजी बोलते हैं।
  • पारसी धर्म में मनुष्य के शव को खुले आसमान में काफी ऊँचाई पर (दाख्मा में) रख दिया जाता है ताकि चील-गिद्ध उसे खा जाएँ। मान्यता है ऐसा करने से पृथ्वी, जल व अग्नि की शुद्धता बनी रहती है।