- द्रविड़ शैली का विस्तार कृष्णा तथा कन्याकुमारी अंतरीप के बीच अर्थात् आधुनिक तमिलनाडु प्रदेश में है।
- इस शैली के मंदिरों के बनावट की विशेषता है-वर्गाकार गर्भगृह पर पिरामिडनुमा अर्थात् ऊपर की ओर आकार में छोटी हुई मंज़िलों का बना शिखर। इसका शीर्ष आठ या छह कोणों के गुंबद के आकार का होता है।
- पल्लव, चालुक्य, चोल एवं पांड्य शासकों के शासनकाल में मुख्यतः इस शैली में मंदिरों का निर्माण हुआ।
- महाबलीपुरम् और कांची के मंदिर, वातापी तथा ऐहोल के मंदिर, तंजौर का राजराजेश्वर मंदिर या बृहदेश्वर मंदिर इस शैली के मंदिर के प्रमुख उदाहरण हैं।