- दोहरी विस्थापन अभिक्रिया (Double Displacement Reaction) : जिसमें अभिक्रिया करने वाले दोनों अणुओं में से प्रत्येक के एक घटक का उत्पाद का निर्माण करने के लिए आदान-प्रदान होता है। यानी, अलग अलग यौगिकों (कंपाउंड) के ऋणायन और धनायन दो पूरी तरह से अलग यौगिकों (कंपाउंड) का निर्माण करते हुए स्थानों की अदला बदली करते हैं।
- दोहरी विस्थापन अभिक्रियाका वर्गीकरण
- उदासीनीकरण अभिक्रिया
- अवक्षेपण (प्रेसीपिटेशन) रासायनिक अभिक्रिया
- उदासीनीकरण अभिक्रिया : अम्ल-क्षार अभिक्रिया तब होती है जब अम्ल (एसिड) क्षार (बेस) की बराबर मात्रा से अभिक्रिया करता है।
- अम्ल-क्षार (एसिड-बेस) अभिक्रिया के परिणामस्वरूप नमक (प्रकृति में उदासीन) और पानी का निर्माण होता है।
- अवक्षेपण (प्रेसीपिटेशन) रासायनिक अभिक्रिया के दौरान विलयन में या किसी अन्य ठोस के अंदर ठोस का निर्माण है।
- यह प्रक्रिया आम तौर पर तब होती है जब विलयन में घुलित आयनों की सांद्रता विलेयता उत्पाद से ज्यादा हो जाती है।