- चैतन्य महाप्रभु नवद्वीप (नदिया ज़िला, पश्चिम बंगाल) में जन्मे
- चैतन्य महाप्रभु का वास्तविक नाम ‘विश्वंभर’ था।
- चैतन्य महाप्रभु ने बंगाल में आधुनिक वैष्णववाद या गौड़ीय वैष्णव धर्म की स्थापना की।
- ये सगुण उपासक तथा कृष्ण भक्ति शाखा से संबंधित थे।
- चैतन्य महाप्रभु ने मूर्तिपूजा का विरोध न करते हुए राधा-कृष्ण की उपासना की
- इनके अनुयायी इन्हें कृष्ण का अवतार और ‘गौरांग महाप्रभु’ कहते थे।
- इनका दर्शन ‘अचिन्त्य भेदाभेदवाद’ कहलाता है।
- इनकी जीवनी पहले ‘संस्कृत में मुरारी गुप्त‘ ने तथा ‘बांग्ला में वृंदावन दास‘ ने लिखी।
- कृष्णदास कविराज ने बांग्ला में ‘चैतन्य चरितामृत‘ की रचना की।