- वह आकाशीय पिंड जो पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करने के पश्चात पृथ्वी की वायुमंडल में उपस्थित गैसों से होने वाले घर्षण के कारण जल कर नष्ट हो जाते है हैं, इसे ही ‘टूटता हुआ तारा’ (Shooting Star)/उल्का कहते हैं।
- उल्का/Meteors– पृथ्वी पर पहुंचने से पूर्व ही जलकर राख हो जाते हैं
- उल्कापिंड/Meteorite – उल्कायें जो चट्टानों के रूप में पृथ्वी पर गिरते हैं
- मंगल एवं बृहस्पति के मध्य क्षुद्र ग्रहों के साथ अरबों की संख्या में उल्का पाये जाते हैं
- वरुण ग्रह के बाद क्यूपर बेल्ट (Kuiper Belt) उल्काओं का सबसे बड़ा स्रोत है।