- अनुदैर्ध्य तरंगें (Longitudinal Waves) : यांत्रिक तरंगें मुख्यतः दो प्रकार की होती हैं – 1 अनुदैर्ध्य तरंगें (Longitudinal Waves) ; 2. अनुप्रस्थ तरंगें (Transverse Waves)
- यदि माध्यम के कण तरंग संचरण की दिशा में कंपन करते हैं तो ऐसी तरंग को ‘अनुदैर्ध्य तरंग’ कहते हैं। उदाहरण- ध्वनि तरंगें।
- अनुदैर्ध्य तरंगों के संचरण के साथ जहाँ माध्यम के कण सामान्य की अपेक्षा अधिक पास-पास होते हैं, वे स्थान ‘संपीडन’ (Compression), जबकि वे स्थान जहाँ माध्यम के कण सामान्य की अपेक्षा दूर-दूर होते हैं, ‘विरलन’ (Rarefaction) कहलाते हैं।
- संपीडन के स्थान पर माध्यम का दाब व घनत्व सामान्य की अपेक्षा अधिक और विरलन के स्थान पर दाब व घनत्व सामान्य की अपेक्षा कम होते हैं।
- चूँकि अनुदैर्ध्य तरंगें संपीडन विकृति (दाब) से संबधित हैं, ये ठोसों तथा तरलों (द्रव और गैस) दोनों में संचरण कर सकती हैं।
- अतः स्टील में अनुप्रस्थ एवं अनुदैर्ध्य दोनों प्रकार की तरंगें संचरित हो सकती हैं, परंतु वायु एवं जल में केवल अनुदैर्ध्य तरंगों का संचरण संभव है।
- उदाहरण- ध्वनि तरंगें