तीजन बाई छत्तीसगढ़ के एक पारंपरिक रंगमंचीय कला स्वरूप, पंडवानी में निष्णात हैं, जिसमें वह संगीतकारों के साथ की कथाओं पर अभिनय करती हैं
61. तीजन बाई छत्तीसगढ़ के एक पारंपरिक रंगमंचीय कला स्वरूप, पंडवानी में निष्णात हैं, जिसमें वह संगीतकारों के साथ की कथाओं पर अभिनय करती हैं।
- (a) कथा सरित्सागर
- (b) अभिज्ञान शाकुन्तलम्
- (c) महाभारत
- (d) रामायण
Ans & Explanation : .(c) महाभारत।
- तीजन बाई (जन्म 8 अगस्त 1956) छत्तीसगढ़ की पारंपरिक प्रदर्शन कला पंडवानी की प्रतिपादक हैं, जिसमें वह संगीत संगत के साथ महाभारत की कहानियों का मंचन करती हैं।
- पुरस्कार: पद्म श्री (1988), पद्म भूषण (2003), पद्म विभूषण (2019) और संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार (1995)।
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