1818
1818 – मंदसौर की संधि (होल्कर तथा अंग्रेजों के बीच)
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खोरठा पद्य साहित्य का विकास रामगढ़ राजा दलेल सिंह की रचनाओं से मानी जाती है रामगढ़ राज्य के पांचवीं पीढ़ी के राजा दलेल सिंह को दल साह के नाम से भी जाना जाता है राजा दलेल सिंह कवि के साथ-साथ शिवभक्त भी थे राजा दल शाह के समय उनके दरबारी
मुड़फुचका (लघुकथा ) के लेखक – गिरिधारी गोस्वामी आकाशखूंटी दू डाइर जिरहूल फूल (10th खोरठा Book ) – खोरठा साहित्य संस्कृति परिषद् , रामगढ़ इस कहानी के तीन पात्र हैं – विजय, नीरू या नीरा और नीरा का पिता विजय और नीरू एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं। एक
बंसी लाल बंसी जन्म– 11 मार्च 1954, चोफांद गांव, बैधमारा , बोकारो जिला, पिता का नाम– मोतीलाल साहू माता का नाम– बसनी देवी शिक्षा मेट्रिक – 1969 बी०ए० – 1978 बोकारो इस्पात कारखानाञ् सन् 1972 से ‘ऑपरेटिभ’ पदे कार्यरत कृति डिंडाक डोआनी (प्रबंध काव्य- 6 खंड में विभाजित ) मुख्य
जयवीर साहु खोरठा के पहला बैच से MA पास किये थे। दू डाइर जिरहूल फूल सोराइज कविता रामनारायण सिंह के जीवनी लेखक
सबले बेस राष्ट्र धर्म महेंद्रनाथ गोस्वामी ‘सुधाकर’
बाहरे अंगरेज पी. के. मरांडी (आँथरी)
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