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- भारत में बॉक्साइट का सबसे बड़ा भण्डार ओडिशा राज्य में पाया जाता है. राज्य में मूल्यवान बॉक्साइट भण्डार कालाहांडी और कोरापुट (पंचपटमाली भण्डार) जिलों में स्थित है तथा इसका कुछ हिस्सा आन्ध्र प्रदेश राज्य में विस्तृत उल्लेखनीय है कि भारतीय राज्य ओडिशा देश में सबसे बड़ा बॉक्साइट उत्पादक राज्य है, जो देश के कुल उत्पादन का लगभग आधे से अधिक उत्पादन करता है. बॉक्साइट का उत्पादन करने वाले अन्य प्रमुख भारतीय राज्य गुजरात, झारखण्ड, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ तमिल- नाडु और मध्य प्रदेश आदि हैं.
- यूएस डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2021-22 में 129471 टन चावल का उत्पादन रिकॉर्ड किया गया था. भारत में उत्पादित कुल चावल में 13.62% योगदान के साथ पश्चिम बंगाल सबसे बड़ा चावल उत्पादक राज्य है. इसके पश्चात् उत्तर प्रदेश तथा पंजाब का स्थान है, जिनका कुल चावल उत्पादन में योगदान क्रमशः 12-81% तथा 9-96% है. भारत के कुल चावल उत्पादन का लगभग 36% इन 3 राज्यों से होता है
- एल-नीनो दक्षिणी दोलन (EINino Southern Oscillation) घटना का सामान्य से अधिक ऊष्म चरण है. इस घटना के दौरान दक्षिण अमेरिका के इक्वाडोर और पेरू के तटों के साथ- साथ पूर्वी भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह का तापमान (SST) दीर्घकालिक औसत से कम से कम 05 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म होता है. इस घटना के परिणामस्वरूप भारत सहित विश्व के कई क्षेत्रों में आमतौर पर गर्म तापमान और सामान्य से कम वर्षा होती है. एल-नीनो घटना का सटीक अनुमान लगाना सम्भव नहीं है और यह 2 से 7 वर्ष के अन्तराल पर अनियमित रूप से घटित होती है.
- एल-नीनो के विपरीत ला नीना ENSO के ठण्डे चरण का प्रति- निधित्व करता है. इस घटना के दौरान पूर्व और मध्य प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह का तापमान औसत से कम रहता है. ला नीना भारतीय ग्रीष्मकालीन मानसून के दौरान अधिक वर्षा का कारण बनते हैं
- सामान्यतः भारत की सबसे लम्बी नदी गंगा व दक्षिण भारत की सबसे लम्बी नदी गोदावरी है. कावेरी नदी का उद्गम कर्नाटक के कुर्ग जिले की ब्रह्मगिरी पहाड़ी से होता है. यह कर्नाटक तथा तमिलनाडु राज्य से होकर प्रवाहित होती है. इसकी कुल लम्बाई लगभग 805 किमी है. ताप्ती नदी का उद्गम बैतूल जिले के मुल्ताई से होता है. ताप्ती नदी मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र व गुजरात से होकर खम्भात की खाड़ी में गिर जाती है. इस नदी की लम्बाई 724 किमी है. नर्मदा नदी का उद्गम मध्य प्रदेश की अमरकंटक पहाड़ी से होता है. यह मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र व गुजरात से होते हुए खम्भात की खाड़ी में गिरती है. इसकी कुल लम्बाई 1,312 किमी है. सोन नदी का उद्गम अमरकंटक मैकाल श्रेणी से होता है. यह नदी मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश से होकर बिहार में पटना के निकट गंगा में मिल जाती है. इसकी कुल लम्बाई 780 किमी है.
- मई 2021 में तौक्ते नामक शक्ति- शाली और विनाशकारी उष्ण कटिबंधीय चक्रवात भारत के पश्चिमी तट पर आया था. तौक्ते अरब सागर में अब तक दर्ज किया गया पाँचवाँ सबसे शक्तिशाली चक्रवात था.
- जनगणना 2011 के अनुसार विकल्प में दिए गए राज्यों का जनसंख्या घनत्व- त्रिपुरा – 350 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी अरुणाचल प्रदेश – 17 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी- भारत में सबसे कम जनसंख्या घनत्व वाला राज्य मिजोरम – 52 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी मेघालय- 132 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी
- गुरु शिखर पर्वत चोटी राजस्थान : राज्य में अरावली अपशिष्ट पर्वत माला का सबसे उच्चतम बिन्दु इसकी ऊँचाई 1722 मीटर है. महेन्द्रगिरी पर्वत चोटी ओडिशा राज्य के गजपति जिले में अवस्थित है. यह पूर्वी घाट की सबसे ऊँची चोटी में से एक है इसकी ऊँचाई 1501 मीटर है. अनाईमुड़ी पर्वत चोटी केरल राज्य के इडुक्की जिले में स्थित है यह पश्चिमी घाट पर्वतमाला की सबसे ऊँची चोटी है इसकी ऊँचाई 2695 मी है. पंचमढ़ी पर्वत चोटी मध्य प्रदेश की सतपुड़ा पर्वतमाला की महादेव पहाड़ी में अवस्थित है. इसकी ऊँचाई 1067 मीटर है.
- नदियाँ एवं उनके उद्गम क्षेत्र-
- कावेरी-ब्रह्मगिरी पहाड़ियाँ
- साबरमती- मेवाड़ पहाड़ियाँ
- ताप्ती (तापी) – सतपुड़ा श्रेणी
- दामोदर- छोटा नागपुर का पठार
- भारत के ओडिशा तथा झारखण्ड राज्य से देश के कुल कोयला निक्षेप का 50 प्रतिशत से अधिक प्राप्त होता है.
- वर्ष 2021-22 में भारत में दालों के उत्पादन में पहला स्थान मध्य प्रदेश (56.95 लाख टन ) है, उसके बाद राजस्थान (40.53 लाख टन ), गुजरात (27-01 लाख टन ) तथा उत्तर प्रदेश (26-20 लाख टन) का स्थान है.
- रानी दुर्गावती श्री अन्न प्रोत्साहन योजना मध्य प्रदेश में मिलेट (मोटा अनाज) को प्रोत्साहन देने के लिए. 3 जनवरी, 2024 की कैबिनेट मीटिंग में अनुमोदित की गई. इसके अन्तर्गत मध्य प्रदेश के किसानों को मोटा अनाज / श्री अन्न उत्पादित करने के लिए ₹ 10 प्रति किग्रा की दर से प्रोत्साहन दिया जाएगा. योजना की अवधि वर्ष 2023-24 से 2025-26 तक के लिए है,
- माच हिन्दी शब्द मंच का अनुवाद है. माच का प्रदर्शन पहले होली के त्योहारों के आस-पास किया जाता है. 100-150 वर्ष पहले मालवा क्षेत्र के अखाड़ों में माच का प्रदर्शन मनोरंजन के लिए होता था. बाद में ओम प्रकाश शर्मा के दादा दौलतगंज अखाड़े के उस्ताद कालूराम ने माच के लिए नाटक लिखे उन्हें जयसिंहपुर अखाड़े के उस्ताद बालमुकुंद का साथ मिला. ओम प्रकाश ने भी अपने दादा से ही माच गायन शैली सीखी और बाद में उन्होंने भी नाटक लिखना शुरू किए. धीरे-धीरे इस कला ने जोर पकड़ लिया और त्योहारों पर मालवा बेल्ट में कलाकार इसे प्रदर्शित करने लगे. माच गीतों में बड़े ढोलक, सारंगी व अन्य वाद्य यंत्रों का उपयोग होता है. अब हारमोनियम का उपयोग भी कलाकार करते हैं. ओम प्रकाश शर्मा, को वर्ष 2024 में ‘पद्मश्री से सम्मानित किया गया.
- प्रमुख भारतीय-अमेरिकी गणितज्ञ और सांख्यिकीविद् कल्यामपुडी राधाकृष्ण राव को सांख्यिकी में 2023 का अन्तर्राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया, जो इस क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार के बराबर है.
- 17 वर्षीय भारतीय ग्रैंडमास्टर डी- गुकेश 2024 फिडे कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में विजयी हुए हैं, जिससे उन्होंने शतरंज के इतिहास में विश्व खिताब के लिए डिग लिरेन का सामना करने वाले सबसे कम उम्र के चैलेंजर के रूप में अपना स्थान सुरक्षित कर लिया है.
- ‘भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण’ (जीएसआई) ने मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में नर्मदा नदी के तट पर लमहेटा गाँव में देश का पहला जियो पार्क स्थापित करने को मंजूरी दे दी है.
- उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश माननीय न्यायमूर्ति अजय माणिकराव खानविलकर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा भारत के लोकपाल का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. गौरतलब है कि लोकपाल के अध्यक्ष का पद मई 2022 में न्यायमूर्ति पिनाकी चन्द्र घोष के सेवानिवृत्त हो जाने के बाद से रिक्त था. इस अवधि में लोकपाल के न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार मोहंती कार्यवाहक अध्यक्ष की भूमिका का निर्वहन कर रहे थे.
- जनवरी से मार्च 2024 के बीच आयोजित 5 मैचों की टेस्ट सीरीज में भारत ने इंग्लैण्ड को 4-1 से पराजित किया. यह पहली बार है, जब भारत ने पहला मैच हारने के बाद लगातार 4 टेस्ट मैच जीते हैं. इस सीरीज में बेहतर प्रदर्शन के लिए यशस्वी जायसवाल को प्लेयर ऑफ द सीरीज’ का पुरस्कार दिया गया. उन्होंने कुल 9 पारियों में 712 रन और 2 दोहरे शतक लगाए.
- रॉक फॉस्फेट घुलनशील फॉस्फोरस उर्वरकों के निर्माण के लिए आवश्यक कच्चा माल है. अतः इसका प्रयोग उर्वरक उद्योग में किया जाता है.
- वर्ष 2021-22 में मध्य प्रदेश में गेहूँ का उत्पादन 34.9 मिलियन टन धान का उत्पादन 13.2 मिलियन टन तथा मक्का का उत्पादन 4.6 मिलियन टन था.
- ब्रिटेन की कम्पनी एसोसिएटेड इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड के साथ मिलकर भोपाल के भेल कारखाने की 29 अगस्त, 1956 में नींव रखी गई.
- वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, नगरीय जनसंख्या का प्रतिशत भोपाल जनपद में 80-83%, इंदौर जनपद में 74.09%, ग्वालियर जनपद में 62.69% तथा जबलपुर जनपद में 58-46% था.
- महत्वपूर्ण बहुउद्देशीय परियोजनाएं एवं उससे सम्बन्धित राज्य-
- मध्य प्रदेश के पूर्वी तथा दक्षिण-पूर्वी क्षेत्रों में अधिकांश वर्षा बंगाल की खाड़ी की शाखा से, जबकि उत्तर-पश्चिम एवं मध्यवर्ती क्षेत्रों में दोनों शाखाओं (अरब सागर तथा बंगाल की खाड़ी) द्वारा वर्षा प्राप्त होती है.
- काली मिट्टी का निर्माण दक्कन ट्रैप की आग्नेय बेसाल्टिक चट्टानों की अपक्षय प्रक्रिया के कारण हुआ है. इसे रेगुर मिट्टी या कपास ख़ुदा के नाम से भी जाना जाता है. मध्य प्रदेश की सभी प्रकार की मिट्टियों में काली मिट्टी का सबसे बड़ा हिस्सा (लगभग 47.6% है. मध्य प्रदेश में काली मिट्टी मालवा पठार, नर्मदा- सोन घाटी और सतपुड़ा- मैकाल श्रेणी में पाई जाती है लोहा और चूने की अधिकता के कारण यह काले रंग की होती है
- मध्य प्रदेश में बांस के पेड़ों का राष्ट्रीयकरण 1973 में किया गया था बांस को हरा सोना कहा जाता है साथ ही बाँस चीड़ की तुलना में 5 गुना अधिक कार्बन डाइऑक्साइड अवशोषित कर सकता है. मध्य प्रदेश में बस सिवनी, बालाघाट, मंडला, जबलपुर, सीधी, साहोर झाबुआ उमरिया शहडोल होशंगाबाद एवं अन्य मिश्रित वनों में पाया जाता है.
- विन्ध्यन स्कार्पलैण्ड का दक्षिणी भाग भांडेर पठार कहलाता है विध्य की ढलानें बलआ पत्थर से बनी हैं जो चम्बल और सिंध बेसिन की स्थलाकृति को चिह्नित करती है. विध्य की ढलाने दक्षिण-पूर्वी राजस्थान पठार का हिस्सा है. भांडेर पठार भारत में मध्य प्रदेश राज्य में स्थित एक पठार है इसका क्षेत्रफल *10,000 वर्ग किमी है. इसके दक्षिण में दक्खिन पठार है और पूर्व में छोटा नागपुर पठार, जिन्हें यह सिन्धु-गंगा के मैदानों से जोड़ता है।
- ट्विटर (Twitter) जिसे वर्तमान में ‘एक्स’ (X) के नाम से जाना जाता है. एक सोशल नेटवर्किंग साइट है. ट्विटर को मार्च 2006 में जैक डोर्सी. नोआ ग्लास बिज स्टोन और इवान विलियम्स द्वारा बनाया गया था और उसी वर्ष जुलाई में इसे लॉन्च किया गया था. वर्तमान में यह एलन मस्क के स्वामित्व में है.
- ट्यूरिंग परीक्षण, जिसे मूलत: एलान ट्यूरिंग ने 1950 में ‘इमिटेशन गेम’ कहा था, एक मशीन की मानव के समतुल्य या उससे अप्रभेद्य बुद्धिमान व्यवहार प्रदर्शित करने की क्षमता का परीक्षण है.
- ई-गवर्नेस के चार स्तम्भ-लोग, प्रक्रिया, प्रौद्योगिकी और संसाधन हैं
- मशीन लर्निंग (एमएल) कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और कम्प्यूटर विज्ञान की एक शाखा है, जो डेटा और एल्गोरिद्म का उपयोग करके एआई को मनुष्यों के सीखने के तरीके की नकल करने में सक्षम बनाती है, जिससे धीरे-धीरे इसकी सटीकता में सुधार होता है.
- W3C का पूरा नाम वर्ल्ड वाइड वेब कंसोर्टियम है. W3C WWW (वर्ल्ड वाइड वेब) के लिए एक अन्तर्राष्ट्रीय स्थापना संगठन है
- MPEG का पूरा नाम Moving Picture Experts Group ISO ( अन्तर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन) और IEC (अन्तर्राष्ट्रीय इलेक्ट्रोटेक्निकल आयोग) द्वारा स्थापित विशेषज्ञों का एक समूह है, जो वीडियो या ऑडियो एन्कोडिंग और संचारण विनिर्देशों/ मानकों को निर्धारित करता है.
- यूनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का केन्द्रीय भाग ‘कर्नल’ (Kernel) होता है. यह प्रोग्रामों को समय और मेमोरी आवंटित करता है तथा सिस्टम कॉल के जवाब में फाइलस्टोर और संचार को सँभालता है.
- कुरैटली एक सर्च इंजन का उदाहरण है.
- G-20 की अवधारणा 1999 में एशियाई वित्त संकट के बाद वित्त मंत्रियों एवं केन्द्रीय बैंकों के गवर्नरों के एक मंच के रूप में अस्तित्व में आई तथापि इसका पहला शिखर सम्मेलन नवम्बर 2008 में वाशिंगटन डीसी (सं. रा. अमेरिका) में सम्पन्न हुआ, जिसमें सदस्य देशों के शासनाध्यक्षों / राष्ट्राध्यक्षों ने 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट से उपजी परिस्थितियों पर विचार-विमर्श किया,
- बैंकिंग रेगूलेशन (संशोधन) अधिनियम-2007 से सांविधिक तरलता अनुपात की न्यूनतम सीमा हटाकर शून्य कर दी गई. उच्चतम सीमा 40% है
- सितम्बर 2023 के अन्त में भारत पर बकाया विदेशी ऋण US $ 635.3 अरब था, जो सकल घरेलू उत्पाद का 18-6% है
- वर्ष 2017-18 के वार्षिक औद्योगिक सर्वेक्षण के अनुसार देश में कारखानों की कुल संख्या 2,37,684 थी, जिसमें से मात्र 4.533 कारखाने मध्य प्रदेश में थे, जो देश के कुल कारखानों का 1.90 प्रतिशत था.
- कृषि प्रौद्योगिकी पहल के लिए एकीकृत नेटवर्क (Unified Network for Agriculture Technology Initiative) 2021 में प्रारम्भ की गई. इस परियोजना का लक्ष्य मध्य प्रदेश राज्य के भीतर कृषि और सम्बद्ध क्षेत्रों में सूचित निर्णय लेने, योजना बनाने और जोखिम कम करने की सुविधा के लिए उपग्रह इमेजरी, ड्रोन डेटा, जीआईएस, जीपीएस और मोबाइल तकनीक जैसे- रिमोट सेंसिंग और जियो- आईसीटी उपकरण का लाभ उठाना है,
- समग्र शिक्षा अभियान 2018 में प्रारम्भ किया गया था जिसमें सर्व शिक्षा अभियान, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान तथा शिक्षक शिक्षा को एक साथ मिलाकर नर्सरी से लेकर कक्षा 12 तक की शिक्षा को एक ही मंच पर लाया गया.
- वर्ष 2022-23 में भारत की प्रति व्यक्ति आय ₹ 1.69.496 (प्रचलित कीमतों पर) थी, जबकि मध्य प्रदेश में प्रचलित कीमतों पर प्रति व्यक्ति आय ₹1,40,583 थी अर्थात् मध्य प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय मारत की प्रति व्यक्ति आय की तुलना में कम है.
- मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के चिन्नौर धान को 2021 में जीआई टैग मिला था. महाराष्ट्र राज्य के भंडारा जिले में भी चिन्नौर की खेती की जाती है. ऐसे में महाराष्ट्र द्वारा भी जीआई टैग का दावा किया गया था, लेकिन अंततः मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले को ही मान्यता दी गई मध्य प्रदेश में सबसे अधिक धान की पैदावार बालाघाट जिले में होती है. भरपूर धान की उपज के कारण इसे मध्य प्रदेश का धान का कटोरा भी कहा जाता है.
- मध्य प्रदेश में एक जनपद एक उत्पाद के बारे में निम्नलिखित युग्म सही सुमेलित हैं-
- (a) अशोक नगर – चन्देरी साड़ियाँ
- (b) खरगौन – महेश्वरी साड़ियाँ एवं टाइगर प्रिन्ट
- (c) बुरहानपुर – -केला
- (d) मंदसौर- लहसुन
- नीति आयोग की SDG India Index 2020 के अनुसार सूचकांक स्कोर रेंज के आधार पर राज्यों / केन्द्र- शासित क्षेत्रों को वर्गीकृत किया गया है. उसका आधार निम्नवत् है-
- 0-49 स्कोर: आकांक्षी
- 50-64 स्कोर: प्रदर्शक
- 65-99 स्कोर: अग्रणी
- 100 स्कोर: एचीवर
- धार जिले की भूमि पर सबसे महत्वपूर्ण या दर्शनीय जैन मन्दिर मोहन- खेड़ा जैन मंदिर है. धार से 50 किमी और सरदारपुर तहसील से लगभग 7 किमी दूर यह जैन मन्दिर मुख्य रूप से सफेद संगमरमर का उपयोग करके बनाया गया है. इसका सम्बन्ध दादा गुरुदेव, श्रीमद् विजय राजेंद्र सूरीश्वर महाराज साहब से है. उनकी प्रेरणा और मार्गदर्शन में वर्ष 1884 में मोहनखेड़ा में भगवान आदिनाथ को मूलनायक बनाकर एक मंदिर का निर्माण किया गया था वर्ष 1957 में गर्भगृह के ऊपर तीन शिखर वाली संगमरमर की संरचना के निर्माण के साथ मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया था. कमल मुद्रा में भगवान आदिनाथ मोहनखेड़ा तीर्थ के मुख्य देवता हैं. मुख्य मन्दिर के बाईं ओर कायोत्सर्ग मुद्रा (खड़े होकर ध्यान करते हुए) में भगवान आदिनाथ की 16 फीट लम्बी मूर्ति आँखों को आनंदित करती है. मन्दिर में राजेंद्र सूरीश्वर महाराज साहब का सुंदर समाधि मन्दिर है.
- बोरी अभयारण्य – होशंगाबाद
- गंगऊ अभयारण्य – पन्ना
- करैरा अभयारण्य – शिवपुरी
- घाटीगाँव अभयारण्य – ग्वालियर
- गम्मत निमाड़ी बोली की नाट्य कला है. इसमें कलाकार निमाड़ी में संवाद और अभिनय कर अपनी बात प्रभावी रूप से रखते हैं. इसके जवाब में दूसरा व्यक्ति भी अपना पक्ष रखता है. दर्शकों को जोड़कर रखने के लिए इसमें हास्य का पुट भी होता है. गम्मत के साथ ही स्वांग भी रचा जाता है. इस विधा में किसी एक पात्र का स्वांग रखकर कलाकार प्रस्तुति देता है. गम्मत कलाकार शोभाराम वासुरे मंडलेश्वर पिछले 50 वर्षों से इस विधा से जुड़े हैं. उनके अनुसार यह विधा नृत्य, गायन और नाटक का संगम है, हारमोनियम, तबला, ढोलक पर गायन के साथ ही नाटक का मंचन किया जाता है. 10 से 12 कलाकार होते हैं. इनमें 2 या 3 मुख्य किरदार निभाते हैं. परम्परागत रूप से इस विधा को वे आगे बढ़ा रहे हैं. विशेष आयोजनों पर कई मंचों पर गम्मत की प्रस्तुति दे चुके हैं.
- कृष्णराव शंकर पण्डित (1894- 1989) भारत के एक संगीतकार थे जिन्हें ग्वालियर घराने का प्रमुख गायक माना जाता है, उन्होंने संगीत से सम्बन्धित अनेक लेख एवं 8 पुस्तकों की रचना की है. उन्होंने शंकर गन्धर्व महाविद्यालय की स्थापना की. कृष्णरावजी न केवल ख्याल गायिकी की पुरानी शैली के निर्विवाद गुरु थे, बल्कि वे टप्पा, तराना, चतुरंग और ठुमरी प्रस्तुत करने में भी माहिर थे.
- शतपथ ब्राह्मण में उत्तर वैदिक- कालीन रेवा (नर्मदा) और सदानीरा (गंडक) नदियों का उल्लेख मिलता है.
- वराहमिहिर का जन्म 499 ई. मैं वर्तमान उज्जैन के पास कपित्था ( कायथा) नामक गाँव में बसे ब्राह्मण परिवार में हुआ था.
- संस्कृत भाषा और गुप्तकालीन ब्राह्मी लिपि की दक्षिणी शैली में उत्कीर्ण यह अभिलेख मालवा के दशपुर नामक स्थान से प्राप्त हुआ है. इस अभिलेख की खोज करने और उसे प्रकाश में लाने का श्रेय कनिघम और फ्लीट महोदय को है. इस अभिलेख का मुख्य विषय गुप्त सम्राट कुमारगुप्त प्रथम के गोप्ता विश्ववर्मा के पुत्र बन्धुवर्मा के समय में प्राचीन दशपुर ( आधुनिक मन्दसौर) नामक नगर के ‘पट्ट्वाय श्रेणी’ के द्वारा मालव संवत् 413 में एक सूर्य-मन्दिर का निर्माण और मालव संवत् 521 में उसका जीर्णोद्धार हैं. अभिलेख के प्रारम्मिक तीन श्लोकों मैं सूर्य- स्तुति की गई है. वैदिक साहित्य में सूर्योपासना का उल्लेख मिलता है. इस प्रशस्ति में लाट में रहने वाले ‘तन्तुवाय श्रेणी’ के दशपुर नगर में जाकर बसने का वर्णन है. पट्टवायों की यह श्रेणी दशपुर में आकर अपने परम्परागत व्यवसाय के अतिरिक्त अन्य व्यवसायों में भी संलग्न हो गई. यह अभिलेख उनकी कला प्रियता का स्पष्ट प्रमाण है.
- इस प्रशस्ति की रचना इतिहास प्रसिद्ध गुप्तवंश के राजा कुमारगुप्त द्वितीय के समय में 472 ई. में हुई.
- कोहबर मिथिला क्षेत्र में विवाह समारोह के दौरान बनाई जाने वाली सबसे शुभ धार्मिक पेंटिंग है. इसे घर की महिलाओं द्वारा विवाह कक्ष या ‘कोहबर घर की दीवारों पर चित्रित किया जाता है, जहाँ दूल्हा और दुल्हन भगवान और परिवार के बड़े सदस्यों से आशीर्वाद पाने के लिए विभिन्न ‘पूजाएं और अनुष्ठान करते हैं.
- सौंदनी शिलालेख की रचना कक्का के पुत्र कवि वसुला द्वारा की गई थी. इस प्रशस्ति की रचना संस्कृत भाषा में है तथा लिपि उत्तर भारतीय ब्राह्मी है,
- अथर्ववेद में ‘प्रजापति’ नामक वैदिक देवता की दो पुत्रियों के रूप में सभा और समिति का उल्लेख किया गया है.
- धारणा का मतलब है एक समय में एक स्थान या वस्तु पर पूरा ध्यान केंद्रित करना जागरूकता तेल की माप की तरह निरन्तर प्रवाह है (धारा-सहज, निरन्तर प्रवाह) पानी के विपरीत, वह टूट जाता है और निरन्तर नहीं होता है. मन की इस गुणवत्ता को योगियों और लघु द्वारा “एकाग्र मन की एकाग्र अवस्था के रूप में सन्दर्भित किया जाता है. अष्टांग योगदर्शन में प्रथम 5 अंगों को बहिरंग योग साधना तथा अन्तिम तीन धारणा, ध्यान, समाधि को अन्तरंग योग साधना, इसलिए भी कहा जाता है, क्योंकि योग के लक्ष्य तक अन्त में धारणादि अतिशय समीप होते है: यम-नियम आदि अंग तो धारणादि तक अन्त में चित्त की शुद्धि तथा एकाग्रता करने में साधक को सहायक होते हैं.
- देवेन्द्रनाथ टैगोर ने वर्ष 1862 में केशव चंद्र सेन को ‘आचार्य’ नियुक्त किया. टैगोर ने केशव चंद्र सेन को ब्रह्मानंद की उपाधि दी. वर्ष 1865 में उन्हें पद से बर्खास्त कर दिया गया।
- 28 जुलाई, 1921 को, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने असहयोग आन्दोलन के तहत् नवम्बर में प्रिंस ऑफ वेल्स (जो बाद में किंग एडवर्ड VIII बन गए) की आगामी यात्रा का बहिष्कार करने का फैसला किया
- कलम माधव पणिक्कर जिन्हें के. एम. पणिक्कर के नाम से भी जाना जाता है. एक भारतीय राजनेता और राजनयिक थे, वे एक प्रोफेसर अखबार सम्पादक, इतिहासकार और उपन्यास- कार भी थे. उनका जन्म त्रावणकोर में हुआ था, जो उस समय ब्रिटिश भारतीय साम्राज्य की एक रियासत थी और उनकी शिक्षा मद्रास और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में हुई थी
- दुर्गेश नंदिनी एक बंगाली ऐतिहासिक रोमास उपन्यास है, जो भारतीय लेखक बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा 1865 लिखा गया था.
- मौर्यकाल में ‘प्रदेष्टा’ मौर्यकाल में न्यायालय दो प्रकार के होते थे धर्मस्थीय और कंटकशोधन, प्रदेश कटकशोधन न्यायालयों के न्यायाधीश को कहा जाता था. विविध अध्यक्षों और राजपुरुषों पर नियन्त्रण रखना और वे बेईमानी, चोरी रिश्वत आदि से अपने को अलग रखे इसका ध्यान रखना भी प्रदेश का कार्य था
- राष्ट्रीय देवी अहिल्या सम्मान मध्या प्रदेश में आदिवासी, लोक और पारम्परिक कला के क्षेत्र में महिला कलाकारों की रचनात्मकता को सम्मानित करने के लिए दिया जाता है. इसकी स्थापना वर्ष 1996-97 में की गई थी. पहला देवी अहिल्या सम्मान तीजन बाई को दिया गया था.
- मध्य प्रदेश के आदिम जाति कल्याण विभाग के अन्तर्गत 25 मार्च, 1980 को आदिवासी परम्परा, सांस्कृतिक वैभव के संवर्धन और संरक्षण तथा आदिवासी समुदायों के लिए सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के समुचित प्रचार-प्रसार के लिए वन्या की स्थापना की गई थी. अपनी विभिन्न प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए वन्या विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करता है.
- टंट्या भील का जन्म सन् 1840 में तत्कालीन मध्य प्रांत के पूर्वी नीमाड़ (खंडवा जिले की पंधाना तहसील के बड़ा अहीर गाँव में श्री भाऊसिंह मील के घर पर हुआ था. कहीं-कहीं पर सन् 1842 में इनके जन्म का उल्लेख भी मिलता है. टंट्या भील का वास्तविक नाम तोतिया था उन्हें प्यार से टट्या मामा के नाम से भी पुकारा जाता था।
- रघुनाथ सिंह मंडलोई भिलाला जनजाति के नायक थे. 1857 के युद्ध में बड़वानी क्षेत्र में अन्याय के खिलाफ मोर्चा खोला और क्रांति युद्ध जारी रखा. अंतिम समय तक अपने स्वत्व और स्वाभिमान की रक्षा करते हुए उन्होंने देश के लिए बलिदान दिया.
- श्री बादल भोई छिंदवाड़ा जिले के एक क्रांतिकारी आदिवासी नेता थे. उनका जन्म 1845 में परासिया तहसील के डूंगरिया तीतरा गाँव में हुआ था. उनके नेतृत्व में 1923 में हजारों आदिवासियों को कलेक्टर बंगला में प्रदर्शित किया गया था. लाठीचार्ज किया गया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. 21 अगस्त, 1930 को उन्हें अंग्रेजों द्वारा रामाकोना (श्री विष्णुनाथ दामोदर के नेतृत्व में) पर वन नियम तोड़ने के लिए गिरफ्तार किया गया और जेल भेज दिया गया. 1940 में अंग्रेजों द्वारा उन्हें जहर दिए जाने के बाद उन्होंने अपनी अंतिम सांस जेल में छोड़ दी. राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान के कारण, जनजातीय संग्रहालय का नाम बदलकर ‘श्री बादल भोई राज्य जनजातीय संग्रहालय’ कर दिया गया है. 15 अगस्त, 2003 से, आदिवासी संग्रहालय पर्यटकों के लिए रविवार को भी खोला जाता है.
- गोंड जनजाति द्वारा मड़ई या माडवरा उत्सव मनाया जाता है. मड़ई महोत्सव आदिवासी क्षेत्र की आकर्षक परम्परा और संस्कृति को दर्शाता है. गोंड जनजाति के लोग मड़ई महोत्सव. को बहुत उत्साह और जुनून के साथ मनाते हैं. मड़ई आमतौर पर स्थानीय कैलेंडर के आधार पर दिसम्बर की शुरुआत से मार्च के अंत तक मनाया जाता है. यह त्योहार छत्तीसगढ़ में एक जगह से दूसरी जगह तक जाता है.
- मूल अधिकारों एवं निदेशक तत्वों के संदर्भ में ऐसी परिस्थितियाँ व्याप्त हो सकती है, जब दोनों का प्रयोग एक- दूसरे के असंगत हो सकता है. चंपकम दोराईराजन बनाम मद्रास राज्य (1951) मामले में माननीय उच्चतम न्यायालय में स्पष्ट रूप से अधिकथित किया कि