खोरठा भासाक परिचय आर ओकर समइसा भासा निबंध – डॉ चतुर्भुज साहु भारतें भासायी अधिअइन के इतिहासेक बारें कुछ कहना मसकिल हवे मुदा, जे भी काम भेल हइ तकरो में पुरना भुल सब के दोहराय देले हथिन वा वयाने नाय देले हथिन । जार्ज ग्रियर्सन, अंगरेजी समराइजेक एगो बेस भासाबिद-कहल हथे भारतें 179 भासाक 244 बोली हइ जे छव गो भासा – परिवार के भीतर आवे बिहार हिन्दी के तीन मुइख बोली- मगही, भोजपुरी, आर मैथिली हइ आर आदिबासी सभेक के फरक-फरक भासा हइन । मकिन, ग्रियर्सन बड़ी भुल करलक, काहे दखिन बिहारेक जनजातीय आर छेतरीय आर छेतरीय भसवइन के कहुँ जिकिरो नाय करल संगे संगे दोसरो भासाक बिदवान सभेक धेयान नाइ गेलइन जे कम आसचइजे बात नखे । हियाँक भसवइन लिखल रूपें नाय रहेक चलते पुरने परिया से सिरिफ बोलियेक रूपें जीयल हइ । जनजातीय भसवइन के तो कुछ जिकिर आव-हइ, मकिन ई छेतरें रहवइया सदान आर आदिबासीक सम्पर्क […]