न्यूटन के तृतीय नियमानुसार अभिकेंद्र बल की प्रतिक्रिया स्वरूप एक बल इसकी विपरीत दिशा में अर्थात् केंद्र से बाहर की ओर लगता है। इसी प्रतिक्रिया बल को अपकेंद्रीय बल कहते हैं।
अपकेंद्रीय बल एक प्रकार का pseudo force or inertial force है।
यदि कोई व्यक्ति किसी घूमती हुई वस्तु पर स्थित हो जैसे कि चक्रीय झूला तो वह बाहर की ओर एक बल (अपकेंद्र बल) अनुभव करेगा और यदि वहझूला को हाथ से न पकड़े तो बाहर की ओर गिर भी सकता है।
एक तीक्ष्ण वृत्ताकर पथ पर तीव्र गति से जाता हुआ 4-पहियों वाला वाहन यदि वांछित चाल के सापेक्ष तेज़ गति से चल रहा है तो वह मोड़ पर बाहर की ओर पलट सकता है।