- शिवनन्दन पाण्डेय ‘गरीब’ जनम – 18-9-1956 , गिरिडीह, देवरी परखंड, मझिलाडीह घोरंजी गाँव गरीब बाम्हन परिवार
- बाप – सीताराम पान्डेय
- माँइ- सावित्री जी के एकलउता बेटा
- ‘धरती छोटानागपुरेक‘ कविता – खोरठा गइद-पइद संग्रह
धरती छोटानागपुरेक
बोन-झारें घर हमर, हमर नागपुर है नाना खनिज-बनज हियाँ, देसेक रूर है।
रातीं सहर दिन अइसन, दिने गाँव राइत हे नागपुरें बिजली न, मानुसेक करामाइत हे!
टाँइड़ा-गोड़ा सब रकम, बहियारी जमीन हे घर – दुरा चंइट लेल, दोसरे अमीन है।
धरती मायेक गामें, कोयला सोना चाँदी हे , दोसरेक तो महल बनल, हमर तो बरबादी है।
घुसखोर कहाँ से आइल, कोठिक भीतर चोर हैं ओकर जनिक आँखीं काजर, हामर जनिक लोर है।
जीम-जंगल लुटाइ रहल, हमर घर फाँक्र हे हार्थे – हार्थे हथिआइ लेल, ओकरे तो धाक है।
डिस्को के रंगचंगे, तनिको नाञ मेल हे , करमा-सरहुल परबें, माँदइर फोइर देल है।
करिया-गोराइं मेल नाञ, एहे हमर भूल हे , छोटानागपुरेक धरतीं, समतावादिक मूल है।
जनी – मरद दुइयो बेगइत खटेके लुइर हे सहेके सीमा टुइट गेल, मुदा एखनो सबूर है।
बोन झारें घर हमर, हमर नागपुर हे , नाना खनिज-बनज हियाँ, देसेक रूर है।