Q. चंद्रगुप्त मौर्य के साम्राज्य की राजधानी क्या थी?
Ans: पाटलिपुत्र
चंद्रगुप्त मौर्य (322 ई.पू.-298 ई.पू.)
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चंद्रगुप्त मौर्य चाणक्य की सहायता से अंतिम नंद वंशीय शासक धनानंद को पराजित कर 322 ई. पू. में मगध की गद्दी पर बैठा।
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चंद्रगुप्त मौर्य के वंश और जाति के संबंध में विद्वान एकमत नहीं हैं।
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कुछ विद्वानों ने ब्राह्मण साहित्य, मुद्राराक्षस, विष्णुपुराण आदि के आधार पर इसे शूद्र माना है।
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बौद्ध एवं जैन ग्रंथ के अनुसार चंद्रगुप्त मौर्य क्षत्रिय था। अधिकांश विद्वान इसी मत से सहमत हैं।
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चंद्रगुप्त मौर्य, मौर्य वंश का प्रथम राजा और संस्थापक था।
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इसकी राजधानी पाटलिपुत्र थी।
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उसकी माता का नाम मूर था
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चंद्रगुप्त मौर्य ने तत्कालीन यूनानी शासक सेल्यूकस निकेटर को पराजित किया। संधि हो जाने के पश्चात् सेल्यूकस ने चंद्रगुप्त से 500 हाथी लेकर बदले में एरिया (हेरात), अराकोसिया (कंधार), जेड्रोसिया (बलूचिस्तान) एवं पेरीपेनिसदाई (काबुल) के क्षेत्रों का कुछ भाग सौंपा और अपनी पुत्री हेलेना का विवाह चंद्रगुप्त से किया। इस वैवाहिक संबंध का विवरण सिर्फ एप्पियानस नामक यूनानी ही देता है।
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सेल्यूकस ने अपने राजदूत मेगस्थनीज को चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार में भेजा। यूनानी लेखकों ने पाटलिपुत्र को ‘पालिब्रोथा’ के नाम से संबोधित किया।