- भारत सरकार अधिनियम 1935 के पारित होने के बाद बिहार और उड़ीसा अलग-अलग राज्य बन गए। अधिनियम के अनुसार विधानमंडल की द्विसदनीय प्रणाली शुरू की गई।
बिहार विधान सभा
- द्विसदनीय बिहार विधानमंडल का निचला सदन है। पहला राज्य चुनाव 1952 में हुआ था।
- अध्यक्ष, बिहार विधान सभा – श्री नंद किशोर यादव,
- बिहार के विभाजन से पहले, विधानसभा में सदस्यों की कुल संख्या 331 थी, जिसमें एक मनोनीत सदस्य शामिल था।
- विभाजन के बाद, सीटें घटकर 243 सदस्य रह गईं।
- श्री कृष्ण सिंह सदन के पहले नेता और पहले मुख्यमंत्री बने, अनुग्रह नारायण सिंह सदन के पहले उपनेता और पहले उपमुख्यमंत्री चुने गए।
बिहार विधान परिषद
- 22 जुलाई 1936 को पहली बिहार विधान परिषद की स्थापना की गई। इसमें 30 सदस्य थे और राजीव रंजन प्रसाद इसके अध्यक्ष थे।
- बिहार विधानसभा के दोनों सदनों का पहला संयुक्त अधिवेशन 22 जुलाई 1937 को हुआ। राम दयालु सिंह बिहार विधानसभा के अध्यक्ष चुने गए।
- मॉर्ले-मिंटो द्वारा दिए गए सुझावों के अनुसार बनाए गए भारतीय परिषद् अधिनियम, 1909 के आलोक में 25 अगस्त, 1911 को भारत सरकार ने भारत सचिव को पत्र भेजकर बिहार को बंगाल से अलग करने की सिफारिश की जिसका सकारात्मक उत्तर 01 नवंबर, 1911 को आया।
- इंग्लैंड के सम्राट द्वारा दिल्ली दरबार में 12 दिसम्बर, 1911 को बिहार-उड़ीसा प्रांत के लिए लेफ्टिनेंट गवर्नर नियुक्त करने की घोषणा हुई और 22 मार्च, 1912 को नए प्रांत का गठन हुआ।
- 1 अप्रैल, 1912 को चार्ल्स स्टुअर्ट बेली बिहार एवं उड़ीसा राज्य के लेफ्टिनेंट गवर्नर बने।
- लेफ्टिनेंट गवर्नर को सलाह देने के लिए इण्डियन कौंसिल ऐक्ट, 1861 एवं 1909 में संशोधन कर गवर्नमेंट ऑफ इण्डिया एक्ट,1912 द्वारा बिहार विधान परिषद् का गठन किया गया जिसमें 3 पदेन सदस्य, 21 निर्वाचित सदस्य एवं 19 मनोनीत सदस्य रखे गए।
- विधान परिषद् की प्रथम बैठक 20 जनवरी, 1913 को पटना कॉलेज (बांकीपुर) के सभागार में हुई ।
- 26 जनवरी, 1950 को लागू भारतीय संविधान के अनुच्छेद-171 में वर्णित उपबन्धों के अनुसार विधान परिषद् के कुल सदस्यों की संख्या 72 निर्धारित की गई।
- पुन: विधान परिषद् अधिनियम, 1957 द्वारा 1958 ई. में परिषद् के सदस्यों की संख्या 72 से बढ़ाकर 96 कर दी गई।
- बिहार पुनर्गठन अधिनियम, 2000 द्वारा बिहार के 18 जिलों तथा 4 प्रमंडलों को मिलाकर 15 नवम्बर, 2000 ई. को बिहार से अलग कर झारखंड राज्य की स्थापना की गई और बिहार विधान परिषद् के सदस्यों की संख्या 96 से घटाकर 75 निर्धारित की गई।
- 27 सदस्य – बिहार विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से
- 6 सदस्य – शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से
- 6 सदस्य – स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से
- 24 सदस्य – स्थानीय प्राधिकार से
- 12 सदस्य – मनोनीत सदस्य
- मई, 1982 ई. में महात्मा गांधी सेतु पुल का उद्घाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री द्वारा किया गया ।