तृतीय समसत्र विषय कोड – MJ-04 क्रेडिट – 04 कुल अंक – 100 (बाह्य परीक्षा-75, आंतरिक परीक्षा-25)
आधुनिक हिन्दी कविता (छायावाद तक)
- इकाई : 1 मैथिलीशरण गुप्त – मातृभूमि, सखि वे मुझसे कहकर जातेरामनरेश त्रिपाठी – स्वतंत्रता, कामना
- इकाई : 2 जयशंकर प्रसाद – बीती विभावरी जाग री, अरुण यह मधुमय देश हमारा
- इकाई : 3 सूर्यकांत त्रिपाठी निराला – भिक्षुक, जागो फिर एक बार
- इकाई : 4 महादेवी वर्मा – विरह का जलजात जीवन, मधुर-मधुर मेरे दीपक जल
तृतीय समसत्र विषय कोड — MJ-05 क्रेडिट — 04 कुल अंक — 100 (बाह्य परीक्षा-75, आंतरिक परीक्षा-25)
छायावादोत्तर हिन्दी कविता
- इकाई : 1 नागार्जुन- अकाल और उसके बाद, सिन्दूर तिलकित भाल
- इकाई : 2 रामधारी सिंह ‘दिनकर’ — हिमालय, लोहे के पेड़ हरे होंगे
- इकाई : 3 अज्ञेय- कलगी बाजरे की, यह दीप अकेला
- इकाई : 4 भवानी प्रसाद मिश्र – गीत- फरोश, सन्पुड़ा के घने जंगल
तृतीय समसत्र – AEC-HINDI, क्रेडिट – 02, कुल अंक -50
हिन्दी भाषा और सम्प्रेषण
- इकाई : 1 – भाषा की परिभाषा, प्रकृति एवं विविध रूप, स्वर एवं व्यंजन, संधि
- इकाई : 2 – भाषा संप्रेषण के चरण- श्रवण, अभिव्यक्ति, वाचन तथा लेखन
तृतीय समसत्र – MN-1B, क्रेडिट – 04, कुल अंक – 100(बाह्य परीक्षा-75, आंतरिक परीक्षा-25)
आधुनिक भारतीय साहित्य
- इकाई : 1 स्वाधीनता संग्राम और भारतीय नवजागरण तथा उसका भारतीय साहित्य पर प्रभाव
- इकाई : 2 भारतीय साहित्य एवं राष्ट्रीयता (भारतेन्दु, माखनलाल चतुर्वेदी एवं सुभद्राकुमारी चौहान)
- इकाई : 3 महात्मा गाँधी और महर्षि अरविन्द का भारतीय साहित्य पर प्रभाव
- इकाई : 4 मार्क्सवाद एवं अस्तित्ववाद का भारतीय साहित्य पर प्रभाव
तृतीय समसत्र – MDC-HINDI, क्रेडिट – 03, कुल अंक -75
हिन्दी साहित्य एवं भाषा
- इकाई : 1 हिन्दी साहित्येतिहास लेखन की परंपरा, काल-विभाजन एवं नामकरण
- इकाई : 2 भाषा की परिभाषा, हिन्दी भाषा का उद्भव एवं विकास, हिन्दी की प्रमुख बोलियाँ, भाषा एवं बोली में
अंतर - इकाई : 3 हिन्दी कहानी का उद्भव एवं विकास, हिन्दी कहानीकार-राधाकृष्ण (पड़ोसी), प्रेमचंद (पूस की रात),
जयशंकर प्रसाद (पुरस्कार), फणीश्वर नाथ रेणु (संवदिया)