माछानि नाइच
मखानी एक धरानेक हब अर गघहि कर पुरखुति नइच हेकेइक। एकर नइच अर गीत महान हांसी तेथी कर परधानता रहिक। मखनि नइच गीत कर धन्चर बिल्कुल ‘कबाली’ कर पारा रहिक। एके पराई दुइ झने मिलिके करत। तेनइ मजादार हेइ जाइक। मखानि नइच कर अर किछु चिनहाप एहे दुल अहैक:-
- एकर कथाबस्तु पुछा – पुछि सेइलि महान रहिक।
- गीतेक दरांइ बिसइ कर बाचिक विवरणक चलन आहेइक।
- मांइझे मांइझे काथनि सेइलि करअ बेबहार हेइक ।
- बीसइ कर संगे संगे पाठकरौ परिवर्तन।
- एकर कथाबात लहराइल डुल रहइक ।
- एकर भासा सेइलि मजाकिआ पारा रहइक ।
- एके सुनेक चटांइ मने आपनेइ हांसि बाहराइक । एकर बिसइ एक दम बेबहारिक हे अइक ।
- एकर बिसइ घार परिबार ले जड़ाइल रहइक ।
- एकर बिसइ एक दम खांटअ खांटअ रहइक ।
- माछानिक कर गित दुइ डाड़ि कर रहइक ।
किछु मखानि गीत
- 1. जाकर बहु ढांगि ताकर बेजांइ नाम रे हांथे हांथे साग पाड़इ, डांगेक किना काम रे ।
- 2. जाकर बहु सिघनाहि, ताकर बेजांइ दाम रे सिघन पछि चुकांइ राखड़, घिउएक किना काम रे ।